जोधपुर.हाल ही में बाड़मेर में सामने आए हाई प्रोफाइल सेक्सटार्शन मामले (Rajasthan Sextortion Case) के तार अब जोधपुर से जुड़ गए हैं. खास बात यह है कि बाड़मेर मामले में पीड़ित का नाम रामस्वरूप आचार्य बताया गया था, लेकिन जोधपुर में दर्ज रिपोर्ट में महिला के एडिटेड फोटो में जो शख्स है, उसका नाम मेवाराम है. हालांकि, इस रिपोर्ट में रामस्वरूप के नाम का भी जिक्र किया गया. ऐसे में दोनों मामलों (High Profile Sextortion Case) के तार एक-दूसरे से जुड़ (Jodhpur connection of Barmer sextortion) रहे हैं. बाड़मेर में दो महिलाओं की गिरफ्तारी हुई है. जिसमें से एक की जोधपुर निवासी बहन ने एयरपोर्ट थाने में भंवराराम और दयाल राणा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
आरोप है कि दोनों आरोपी उसकी बहन की मेवाराम नामक शख्स के साथ फोटो वीडियो एडिट कर उसे ब्लैकमेल कर रहे थीं. जिसकी जानकारी उसकी बहन को कुछ दिनों पहले हुई थी. वहीं, शिकायतकर्ता ने बताया कि दयाल राणा और भंवराराम उसकी बहन का इस्तेमाल मेवाराम से पैसे वसूलने में करना चाहते थे. यही कारण रहा है कि वो उसकी बहन को लगातार इसके लिए परेशान भी कर रहे थे. आखिरकार इनकार करने की सूरत में आरोपियों ने वीडियो वायरल करने की धमकी दी. जिसके चलते उसे साथ देना पड़ा. इधर, एयरपोर्ट थानाधिकारी कैलाश विश्नोई का कहना है कि हमने महिला की रिपोर्ट पर भंवराराम और दयाल राणा के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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30 नवंबर को बाड़मेर पुलिस ने जोधपुर के लूणी थाना इलाके एक गांव में छापेमारी की गई थी. इस दौरान पुलिस ने भागीरथ नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था. लेकिन बताया गया कि आरोपी भंवराराम मौके से फरार हो गया था. बाड़मेर पुलिस ने रामस्वरूप आचार्य की रिपोर्ट पर उक्त कार्रवाई की थी. जिसमें जोधपुर निवासी महिला सहित कुल पांच आरोपी पकड़े गए थे. इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. आरोप है कि ये सभी आरोपी ब्लैकमेलिंग कर 5 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे. वहीं, जोधपुर में महिला के दर्ज रिपोर्ट में लिखा गया है कि वो और उसकी बहन किसी मेवाराम और रामस्वरूप नामक के शख्स को नहीं जानती हैं. ऐसे में अब ये दोनों मामले एक-दूसरे से जुड़ गए हैं.
कौन है मेवाराम: जोधपुर में दर्ज रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि पूरा मामला बाड़मेर से ही जुड़ा हुआ है. पुलिस ने भी बता दिया कि रामस्वरूप बाड़मेर का निवासी है. लेकिन जोधपुर के एयरपोर्ट थाने में दर्ज रिपोर्ट में मेवाराम नामक के व्यक्ति जिक्र किया गया है. रिपोर्ट में भी सिर्फ मेवाराम लिखा हुआ है. वह कहां का रहने वाला है. इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है. बाड़मेर पुलिस ने 30 नवंबर को किए गए खुलासे के दौरान भी यह नाम चर्चा में आया था, लेकिन पीड़ित का नाम रामस्वरूप सामने आने से सब शांत हो गए थे. अब फिर मेवाराम का नाम चर्चा में है.
बाड़मेर निवासी रामस्वरूप आचार्य की रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए पुलिस के बड़े अधिकारी सक्रिय दिखे. आईजी खुद बाड़मेर में डेरा डाले बैठे थे. जोधपुर में 30 नवंबर को हुई गिरफ्तारी से पहले बाड़मेर पुलिस अधीक्षक भी जोधपुर आए थे. पूरा ऑपरेशन गोपनीय रूप से चलाया गया और 30 नवंबर की रात को पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर इसकी जानकारी साझा की थी.