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Millet Products in Jodhpur: बाजरे के ऐसे प्रोडक्ट्स जिन्हें खाकर दिल मांगे मोर - मोटा अनाज ट्रेंड

मोटा अनाज ट्रेंड में है. गेहूं की जगह मोटे अनाज को तवज्जो दी जा रही है. इतनी की साल 2023 मिलेट ईयर घोषित किया गया है. संसद में मोटे अनाज का भोज भी कराया गया. यहां चर्चा जोधपुर के काजरी की भी खूब हुई (Jodhpur CAZRI millet products). जानते हैं क्यों?

Millet Products in Jodhpur
Millet Products in Jodhpur

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Published : Jan 12, 2023, 1:50 PM IST

Updated : Jan 12, 2023, 2:31 PM IST

बाजरे की ऐसे प्रोडक्ट्स जिन्हें खाकर दिल मांगे मोर

जोधपुर.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसम्बर 2022 में सांसदों को एक भेाज दिया. जिसमें मोटे अनाज से बने व्यंजन शामिल किए गए. एकमात्र उदृेश्य देश में मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाना था. भारत सरकार के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को Fat Grain Year करार दिया है. 70 देशों ने स्वीकार भी किया है. उस भोज में जोधपुर की खूब चर्चा हुई और वजह रहा काजरी!

काजरी यानी केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसन्धान संस्थान ने बाजरे के ऐसे प्रोडक्ट्स बनाए जिसकी चौतरफा तारीफ हो रही है. जिनकी प्रशंसा भी हुई. भारत कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत संचालित काजरी के निदेशक डॉ ओपी यादव इसकी खूबियां गिनाते हैं. बताते हैं कि मोटा अनाज सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें प्रचूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं. कम पानी में पैदा होता है. इनमें बाजरा प्रमुख हैं. ऐसी फसल जिसकी पैदावार भारत में सबसे ज्यादा होती है.

हेल्थी बाजरा

बिस्किट, चॉकलेट व कुरकुरे बनाए- कुरकुरे, बिस्किट चॉकलेट के इस दौर में बाजरे के साथ भी सफल प्रयोग किए गए. बाजरे का प्रसंस्करण कर बिस्किट, चॉकलेट, पोहा और कुरकुरे बनाए गए हैं. अब बारी केक की है. तैयारी पूरी है. बिस्किट स्वीट सॉल्टी दोनों हैं. खाने वाले कहते हैं टेस्ट लाजवाब है. इनमें वो माननीय भी हैं जिन्होंने संसद में 22 दिसंबर को भोज किया था.

पढ़ें-नरेंद्र सिंह तोमर बोले, पीएम मोदी का विजन देश को विकसित देशों की कतार में लाना है

स्वाद और सेहत का ब्लेंड- स्वाद और सेहत के ब्लेंड को अब शहरों में भी प्रमोट किया जा रहा है. वैज्ञानिकों की राय है कि इन उत्पादों की सेल्फलाइफ बढ़िया है जल्दी खराब नहीं होते और ज्यादा दिन तक टिकते हैं. काजरी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सोमा श्रीवास्तव तकनीकी पक्ष समझाती हैं. बताती हैं कि हमारी Post Harvest Lab में बाजरे के उत्पाद बनाए जाते हैं. इसका व्यवसाय करने के लिए यहां स्थित एग्री इंक्यूबेशन सेंटर में प्रशिक्षण भी दिया जाता है. गर्व से बताती हैं कि संसद के भोज में भी यहां के बिस्किट सहित अन्य आइटम्स भेजे गए थे जिन्हें माननीयों ने खूब पसंद भी किया.

इस मिलेट में बड़े बड़े गुण

तकनीक भी खुद विकसित की-ये प्रोडक्ट्स चुटकियों में नहीं तैयार हुए बल्कि पूरी योजना बना कर इन्हें मार्केट में उतारा गया.काजरी के एग्रीकल्चर विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ एके सिंह बताते हैं कि बाजरा उत्पाद बनाने के लिए हमने खुद ही कम खर्चे की तकनीक और मशीनें तैयार की. हमने जल्द ही बाजारा फ्लेक्स तैयार किया. बिना तले कुरकुरे बनाने के लिए हमने बहुत सस्ती मशीन बनाई. कुरकुरे नायाब हैं. इन्हें बनाने के बाद सीधा मसाला लगाकर खाया जा सकता है. इस टेक्नीक को हम यहां प्रशिक्षण ले रहे लोगों से साझा भी करते हैं. उनको सिखाते हैं कि कैसे वो सेल्फ डिपेंडेंट कम खर्चे में हो सकते हैं.

पीएम की पहल-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Fat Grain को लोकप्रिय बनाने की पहल की. इसमें बाजारे के साथ साथ ज्वार, रागी भी शामिल है. इसके पीछे दो कारण है- पहला कारण इन अनाज में पानी कम लगता हैं दूसरा यह स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी लाभदायक है. 2023 को मिलेट ईयर घोषित किया गया है. कोशिश यही है कि मोटा अनाज हर घर तक पहुंचे. बच्चों की थाली में इसे परोसा जाए ताकि वो तंदुरुस्त रहें. बाजरा उत्पादकों को भी इससे फायदा होने की उम्मीद है.

जी 20 के पावणों को भी परोसेंगे- जोधपुर में फरवरी के पहले सप्ताह में दो से चार फरवरी हो जी20 देशों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित हो रही है. उनमें शामिल होने वाले विदेशी मेहमानों को भी जोधपुर प्रशासन बाजरे के उत्पाद भोजन व नाश्ते में परोसेगा. इसको लेकर भी तैयारी की जा रही है.

Last Updated : Jan 12, 2023, 2:31 PM IST

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