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नाबालिग से गैंगरेप मामले पर बोले शेखावत, सरकार की कठपुतली न बने पुलिस - गहलोत सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रहार

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को दिल्ली रवाना होने से जोधपुर गैंगरेप मामले पर कहा कि पुलिस और प्रशासन सरकार की कठपुतली न बनकर बिना दबाव के काम करे.

JNVU gangrape case, Shekhawat says police should work without pressure
नाबालिग से गैंगरेप मामले पर बोले शेखावत, सरकार की कठपुतली न बने पुलिस

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Published : Jul 18, 2023, 8:53 PM IST

जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जेएनवीयू परिसर में नाबालिग से गैंगरेप की घटना पर एकबार फिर गहलोत सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रहार किया. शेखावत ने कहा कि पुलिस-प्रशासन और पुलिस के अधिकारी राज्य सरकार की कठपुतली बनकर काम नहीं करें, वो सतर्कता के साथ बिना किसी दबाव से काम करें. मंगलवार को दिल्ली रवाना होने से पहले शेखावत ने कहा कि जोधपुर में शिक्षा के मंदिर में जो कुछ हुआ, वो घोर निंदनीय है, जो महिलाओं का सम्मान नहीं कर सकता और उनके साथ दुराचार करता है, वो हर समाज का अपराधी है.

उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से ऐसे कुकृत्य करने वाले सलाखों के पीछे होने चाहिए. उनको ऐसी सजा मिले कि आगे कोई भी दुराचार नहीं करे. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी स्तर पर राजनीति कतई उचित नहीं, लेकिन प्रदेश की सत्ताधारी सरकार के दबाव में सुरक्षा करने वाले ही इस प्रकार के गंभीर मामले को भी घुमाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुलिस-प्रशासन और राज्य सरकार इस प्रकार की घटना होने के बाद कुछ आरोपियों को पकड़ कर सिर्फ वाहवाही लूटने और अपनी पीठ थपथपाने के लिए काम कर रही है. जबकि होना तो यह चाहिए कि ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि दुराचार जैसे मामलों की पुनरावृति नहीं हो.

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पुलिस-प्रशासन सरकार की कठपुतली बनकर काम नहीं करेंः शेखावत ने कहा कि जोधपुर में नाबालिग दलित युवती के साथ शिक्षा परिसर में दुराचार करने वाले पूरे मामले की तह में जाकर पुलिस जांच करे, ताकि इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों को दबोचा जा सके. पुलिस- प्रशासन केवल अपनी खुद की पीठ थपथपाने के लिए मुखिया जी की जी हजूरी नहीं करें. यह सोचें कि महिलाओं के साथ लगातार जो बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं, उन पर कैसे अंकुश लगे. पुलिस बिना किसी तथ्यों के आधार किसी भी संगठन पर आरोप नहीं लगाए. पुलिस के अधिकारी राज्य सरकार के दबाव में काम नहीं करें, बल्कि निष्पक्ष और निडर होकर मामले की जांच करें, ताकि दलित युवती के साथ दुराचार करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो सके.

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