जोधपुर.वन्यजीवों की रक्षा और पेड़-पौधों के संरक्षण के लिए देश और दुनिया में विख्यात बिश्नोई समाज आज भी हिरणों को अपने परिवार के बच्चों की तरह पाल रहे हैं. साथ ही परिवार के लोग वन्यजीवों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं.
यहां वन्यजीवों का अपने बच्चे की तरह पालन-पोषण कर रहे हैं बिश्नोई समाज के लोग - jodhpur news
जोधपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर जाजीवाल गांव हैं. यहां के लोग वन्यजीवों को परिवार के सदस्य की तरह बीते कई सालों से सेवा करते चले आ रहे हैं. इतना ही नहीं इनको देखने के लिए देश-विदेश से भी लोग इस गांव में आते हैं.
बिश्नोई समाज के लोगों का कहना है कि अन्य समाज के लोगों को भी वन्यजीवों की रक्षा और पेड़ पौधों के संरक्षण को लेकर काम करना चाहिए. जाजीवाल गांव में रहने वाले लोग हिरण के बच्चों को अपने परिवार के बच्चों की तरह पाल रहे हैं. वे उन्हें अपने घर आंगन में ही रखते हैं. साथ ही उन्हें बोतल से दूध पिलाते हैं.
समाज के घर परिवार में रहने वाले हिरन और मोर बिना किसी खौफ के वहां रह रहे हैं. वे लोग अपनी मस्ती में मस्त हैं. जाजीवाल गांव में स्थित भगवान जंभेश्वर मंदिर में बिश्नोई समाज के लोगों द्वारा वन्यजीवों के लिए अस्पताल भी बनाया गया है. यहां पर वह घायल वन्यजीवों का इलाज कर उनकी सेवा करते हैं. कहीं न कहीं देखा जाए तो इंसानों का वन्यजीवों के प्रति यह प्रेम एक सराहनीय पहल है.