जोधपुर. विधानसभा चुनाव में पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर के बाद जालोर एक जिला है जहां कांग्रेस को दो सीटें मिली हैं. रानीवाड़ा से दूसरी बार विधायक चुने गए रतन देवासी ने कहा है कि कांग्रेस की हार का विश्लेषण प्रत्येक विधानसभा के समीकरण के अनुसार होना चाहिए, ये पार्टी नेतृत्व करेगा. इसके अलावा जो उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं, उन्हें अपना व्यक्तिगत विश्लेषण भी करना चाहिए, क्योंकि उन्हें सरकार ने उस क्षेत्र का नेतृत्व दिया था. उनकी क्या कमियां रही, जिसकी वजह से उनकी हार हुई, वो क्षेत्र में सरकार के नुमाइंदे थे, इसलिए वो खुद भी अपनी हार के जिम्मेदार हैं.
जोधपुर सर्किट हाउस में ईटीवी भारत से खास बातचीत में रतन देवासी ने कहा कि हम मजबूत विपक्ष के रूप में भूमिका निभाएंगे. हमारी योजनाओं को बंद करने पर विरोध किया जाएगा. देवासी ने कहा कि बीते दो लोकसभा चुनाव में जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस हार रही है. इस बार हमारे पास यहां तीन सीटें हैं, हमारा वोट शेयर भी बढ़ा है, ऐसे में इस बार यह लोकसभा सीट हम जीतेंगे, हमारी तैयारी जल्द शुरू हो जाएगी.
इसे भी पढ़ें-राजेंद्र राठौड़ का बड़ा बयान, कहा- राजस्थान में मोदी के चेहरे पर वोट मिले हैं, कोई मुगालते में ना रहे
सबको करना चाहिए हार का आंकलन: देवासी ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ हर वर्ग को मिला. ऐसे में जो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे उनको उन लाभार्थियों का साथ लेने का प्रयास करना चाहिए था. जो उम्मीदवार हारे हैं उनकी व्यक्तिगत एंटी इनकंबेंसी रही होगी, उनको इसका आंकलन करना चाहिए कि वे सरकार की इतनी जनकल्याणकारी योजनाओं के लागू होने के बाद भी उसका लाभ वोट में परिवर्तित नहीं करवा पाए.
योजनाएं बंद कीतो करेंगे विरोध:देवासी ने कहा कि गहलोत सरकार की योजनाओं की तारीफ पूरे देश में हो रही है. राजस्थान के लगभग हर घर को योजनाओं का लाभ मिला है. चिरंजीवी योजना मास्टर स्ट्रोक है. कर्मचारियों के लिए शुरू की गई आरजीएचएस सहित जो भी योजनाएं अभी चल रही हैं, अगर नई सरकार ने उन्हें बदला या बंद किया तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे. मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाते हुए बदलाव नहीं करने देंगे.
इसे भी पढ़ें-राजस्थान में अब तक 13 सिर पर ही सजा मुख्यमंत्री का ताज, सुखाड़िया रिकॉर्ड चार बार रहे CM
मारवाड़ में कांग्रेस की हुई बुरी हार: 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में पश्चिमी राजस्थान के 6 जिलों की 33 में से 16 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 7 सीट ही जीत सकी,जैसलमेर में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला.