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Published : Sep 14, 2019, 11:00 PM IST

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जोधपुरः राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे सैकड़ों मामले, टूटे घर भी बसे

राजस्थान उच्च न्यायालय परिसर में शनिवार को चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसके लिए राजस्थान उच्च न्यायालय में छह बेंच का गठन किया गया जबकि जिला एवं सेशन न्यायालय में 22 बेंच का गठन किया गया.

राष्ट्रीय लोक अदालत , National public court

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय परिसर में शनिवार को चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसके लिए राजस्थान उच्च न्यायालय में छह बेंच का गठन किया गया जबकि जिला एवं सेशन न्यायालय में 22 बेंच का गठन किया गया.

राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे सैकड़ो मामले

राजस्थान उच्च न्यायालय में छह बेंचो में 249 मामलों का निस्तारण कर करीब 13 लाख का अवार्ड जारी किया गया. वहीं जिला एंव सेशन न्यायालय में 1344 मामलों का निस्तारण कर 40 लाख रुपए का अवार्ड जारी किया गया. इसके अलावा पारिवारिक न्यायालय में 4 जोड़ों को पुनः मिलाकर उन्हें घर बसाने के लिए रवाना किया गया.

राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जिला और सेशन न्यायाधीश नरसिंह दास व्यास ने अदालत में लोक अदालत के शब्दों का प्रयोग करते हुए संदेश दिया. उन्होंने बताया कि अदालत और हमारी वर्तमान न्याय व्यवस्था अंग्रेजों की देन है. अदालत शब्द का अर्थ कुछ ऐसा है जिसके तहत आओ दावा लाओ लड़ो और तबाह हो जाओ.

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जबकि लोक अदालत राजीनामे की संस्था है जहां दोनों पक्ष आमने-सामने बैठकर अपने विवाद को खत्म करते हैं और इस विवाद के हल के निर्णय के खिलाफ कहीं कोई अपील नहीं होती है. ऐसे में लोक अदालत शीर्षस्थ है व्यास ने आह्वान किया कि लंबित मामलों को लोक अदालत से ही घटाया जा सकता है.

वहीं शनिवार को जिला और सेशन न्यायालय की 22 बेंचो में 16 हजार से अधिक मामले सुनवाई के लिए रखे गए थे. जिनमें कई मामलों में पक्षकारों को नोटिस भी जारी किए गए हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पांचवी लोक अदालत में बड़ी संख्या में मामले आपसी राजीनामे से निपटेंगे जिसका बोझ न्याय व्यवस्था पर कम होगा.

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