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राजस्थान हाईकोर्ट ने बांसवाड़ा कलेक्टर और CMHO से मांगी रिपोर्ट - Rajasthan High Court News

29 जून को पीएचसी स्टाफ की ओर से गर्भवती को आदर्श स्वास्थ्य केन्द्र मोहकमपुरा के बाहर निकालने के बाद गर्भवती ने स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर ही सड़क पर प्रसव करवाया था. हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, स्वप्रेरणा से जनहित याचिका दायर कर रिपोर्ट तलब की है.

Rajasthan High Court News, आर्दश स्वास्थ्य केन्द्र मोहकमपुरा
हाईकोर्ट ने बांसवाड़ा कलेक्टर और CMHO से मांगी रिपोर्ट

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Published : Jul 7, 2020, 10:42 PM IST

जोधपुर. बांसवाडा जिले का आदर्श स्वास्थ्य केंद्र मोहकमपुरा में पिछले दिनों पीएचसी के स्टाफ ने गर्भवती को बाहर निकाला था और गर्भवती ने स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर ही सड़क पर प्रसव करवाया था. इस घटना को राजस्थान हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए स्व-प्रेरणा से जनहित याचिका दायर कर रिपोर्ट तलब की है.

राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस कुमारी प्रभा शर्मा की खंडपीठ के समक्ष जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर बांसवाडा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बांसवाडा से पूरी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने के आदेश दिये गये है. मामले की अगली सुनवाई अब 23 जुलाई को मुकरर्र की गई है. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा मौजूद रहे.

गौरतलब, है कि 29 जून को यह घटना घटित हुई थी. मीडिया की ओर से घटना का प्रसारण करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए 1 जुलाई को ही प्रसंज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी थी. मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका सूचीबद्ध हुई, लेकिन रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता ने समय मांगा जिस पर कोर्ट ने 23 जुलाई को सुनवाई मुकरर्र की है.

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गर्भवती जब मोहकमपुरा स्वास्थ्य केंद्र पहुची तो प्रसव पीड़ा हो रही थी, लेकिन उसके बावजूद उसे स्वास्थ्य केन्द्र से बाहर निकाल दिया. गर्भवती को दर्द इतना था कि, वह स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर ही सड़क पर लेट गई थी. काफी आवाज देने पर भी नर्सिंग स्टाफ नही आया और सड़क पर ही आस पास के लोगों के सहयोग से उसकी सास ने उसकी डिलेवरी करवा दी थी. इस घटना को लेकर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए स्व-प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर जिला कलेक्टर बांसवाड़ा एवं CMHO से पूरी रिपोर्ट मांगी है.

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महिला को अश्लील मैसेज भेजने वाले आरोपी का अग्रिम जमानत आवेदन खारिज

अपर सेशन न्यायाधीश संख्या 7 जोधपुर महानगर की पीठासीन अधिकारी श्रीमति रैना शर्मा ने महिला को अश्लील मैसेज भेजने के आरोपी अनिल कुमार की अग्रिम जमानत के आवेदन को खारिज कर दिया है. परिवादिया के अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने बताया कि पुलिस थाना रातानाडा में परिवादिया कृष्णा कुमारी की ओर से अनिल कुमार के विरुद्ध अश्लील मैसेज करने, जान से मारने की धमकी देने, आत्महत्या करने , छेड़खानी, गाली-गलौज, मारपीट आदि-आदि का आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर जोधपुर के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया.

पुलिस थाना रातानाडा ने परिवाद दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ की तो अभियुक्त अनिल कुमार की ओर से अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की गई. अपर सेशन न्यायाधीश ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त पर गंभीर आरोप है. अभियुक्त पर परिवादीया को अश्लील, गंदे, गाली-गलौच वाले मैसेज करने, जान से मारने की धमकी देने, आत्महत्या के लिए धमकाने आदि-आदि गंभीर आरोप है.

इसके साथ ही प्रकरण महिला संवेदनशीलता और अस्मिता से जुड़ा है. प्रकरण के गुणावगुण पर टिप्पणी किए बगैर अग्रिम जमानत याचिका अस्वीकार करने का आदेश पारित किया. परिवादीया की ओर से अधिवक्ता दवे एवं सरकार की ओर से जिला लोक अभियोजक केसर सिंह नरूका ने उपस्थिति दी.

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