जोधपुर. बांसवाडा जिले का आदर्श स्वास्थ्य केंद्र मोहकमपुरा में पिछले दिनों पीएचसी के स्टाफ ने गर्भवती को बाहर निकाला था और गर्भवती ने स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर ही सड़क पर प्रसव करवाया था. इस घटना को राजस्थान हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए स्व-प्रेरणा से जनहित याचिका दायर कर रिपोर्ट तलब की है.
राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस कुमारी प्रभा शर्मा की खंडपीठ के समक्ष जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर बांसवाडा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बांसवाडा से पूरी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने के आदेश दिये गये है. मामले की अगली सुनवाई अब 23 जुलाई को मुकरर्र की गई है. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा मौजूद रहे.
गौरतलब, है कि 29 जून को यह घटना घटित हुई थी. मीडिया की ओर से घटना का प्रसारण करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए 1 जुलाई को ही प्रसंज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी थी. मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका सूचीबद्ध हुई, लेकिन रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता ने समय मांगा जिस पर कोर्ट ने 23 जुलाई को सुनवाई मुकरर्र की है.
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गर्भवती जब मोहकमपुरा स्वास्थ्य केंद्र पहुची तो प्रसव पीड़ा हो रही थी, लेकिन उसके बावजूद उसे स्वास्थ्य केन्द्र से बाहर निकाल दिया. गर्भवती को दर्द इतना था कि, वह स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर ही सड़क पर लेट गई थी. काफी आवाज देने पर भी नर्सिंग स्टाफ नही आया और सड़क पर ही आस पास के लोगों के सहयोग से उसकी सास ने उसकी डिलेवरी करवा दी थी. इस घटना को लेकर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए स्व-प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर जिला कलेक्टर बांसवाड़ा एवं CMHO से पूरी रिपोर्ट मांगी है.