जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर को सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं प्रदान करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 20 नवम्बर तक जवाब तलब किया है. जस्टिस विजय विश्नोई व जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ में संभली ट्रस्ट एनजीओ की ओर से जनहित याचिका पेश की गई.
अधिवक्ता शिवानी सिंह ने याचिका में बताया कि ट्रांसजेंडर के कल्याण से जुड़ा मामला है. ट्रांसजेंडर राज्य द्वारा समय-समय पर जारी कल्याण सुविधाओं से वंचित है. सरकारी अस्पताल में उनके उपचार के लिए कोई अलग वार्ड उपलब्ध नहीं है और ना ही चिकित्सा देखभाल के लिए कोई सुविधा है. अस्पताल में महिला एवं पुरूष वार्ड उपलब्ध है, लेकिन ट्रांसजेंडर को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. वे जन्म से ही लाइलाज बीमारी/असामान्यता से ग्रस्त है. समाज में उन्हे सहज रूप से नहीं देखा जाता है.