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जैसलमेर डीजे कोर्ट के आदेश हाईकोर्ट ने किए निरस्त, कहा-न्यायिक अनुशासन आवश्यक, ये है मामला - राजस्थान हाईकोर्ट

गोवर्धन दास कल्ला आवासीय योजना से जुड़े मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने जैसलमेर जिला एवं सेशन न्यायालय के आदेश को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि न्यायिक अनुशासन बनाए रखना आवश्यक है.

HC dismissed Jaisalmer court decision
आदेश हाईकोर्ट ने किए निरस्त

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2023, 10:29 PM IST

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने जैसलमेर जिला एवं सेशन न्यायालय द्वारा पारित आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि न्यायिक अनुशासन बनाए रखना आवश्यक है. जो मामला हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किया जा चुका है उस मामले भविष्य में कोई भी निर्णय पारित करने से पहले हाईकोर्ट डिवीजन बैंच के आदेश को ध्यान में रखा जाए ताकि न्यायिक अनुशासन के किसी भी उल्लघंन से बचा जा सके.

जस्टिस डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की एकलपीठ के समक्ष नगर परिषद जैसलमेर व सभापति नगर परिषद जैसलमेर की ओर से याचिका पेश की गई थी. एजीसी राजेश परिहार ने याचिका में बताया कि नगर परिषद की ओर से गोवर्धन दास कल्ला आवासीय योजना बनाई गई जिसमें कुल 1065 भूखंडों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे. जिसको पूर्व में राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने परिणाम को याचिका के अधीन रखा था. उसके बाद दुबारा याचिका पेश हुई उसमें भी अंतिम परिणाम के अधीन आवंटन को रखा गया.

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उसके बाद हाईकोर्ट खंडपीठ के समक्ष याचिका विचाराधीन है. इस दौरान अपीलार्थी सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील लेकर पहुंचे, तो सुप्रीम कोर्ट ने उसका निस्तारण करते हुए कहा कि 1 नीलामी सूचना जो इसके बाद प्रकाशित की जाएगी, उसमें नीलामी में यह भी शामिल किया जाएगा कि लम्बित रिट याचिका के परिणाम के अधीन होगा. 2 आवंटियों को आवंटन पत्र जारी करते समय नगर परिषद आवंटन पत्र में भी यह शामिल करेगा कि आवंटन लम्बित रिट याचिका के परिणाम के अधीन है.

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इन निर्देशों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने अपील को निस्तारित कर दिया. इसके बाद 107 भूखंडों को लेकर एक बार फिर से अप्रार्थीगण जैसलमेर जिला एवं सेशन न्यायालय के समक्ष सिविल दावा पेश कर दिया. जिसके जिला एवं सेशन न्यायाधीश जैसलमेर ने दिनांक गत 5 जुलाई को आदेश पारित कर दिया है. इस पर कोर्ट ने जैसलमेर जिला एवं सेशन न्यायालय के आदेश को अपास्त करते हुए हिदायत दी है कि न्यायिक अनुशासन आवश्यक है.

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