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जोधपुरः पीएम मोदी के आह्वान पर घांची समाज तैयार, जरूरतमंदों को पहुंचा रहा भोजन

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Published : Apr 18, 2020, 7:32 PM IST

जोधपुर में घांची समाज दूध व्यवसाय से जुड़ा है. यहां की मिल्कमैन कॉलोनी में युवा सुबह से ही अपनी पीठ पर हाइपोक्लोराइट घोल की टंकी लादकर लोगों की मांग के अनुरूप उनके घर सरकारी कार्यालय वाहनों का सैनिटाइजेशन करने के लिए निकल पड़ते हैं. अब तक एक लाख 16000 हजार लीटर हाइपोक्लोराइट का घोल अलग-अलग जगह पर छिड़क चुके हैं, यह क्रम लगातार जारी भी है.

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पीएम मोदी के आह्वान पर घांची समाज तैयार

जोधपुर.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जोधपुर में उनकी अपील पर घांची समाज 22 मार्च से ही लगातार जनसेवा में जुटा है, जिससे कि लोगों को कोरोना के इस काल में कम से कम समस्या का सामना करना पड़े. समाज के युवा जहां हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कर संक्रमण रोकने की कवायद में लगे हैं तो समाज के बड़े लोग गरीबों को जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

पीएम मोदी के आह्वान पर घांची समाज तैयार

बता दें, कि जोधपुर में घांची समाज दूध व्यवसाय से जुड़ा है. यहां की मिल्कमैन कॉलोनी में युवा सुबह से ही अपनी पीठ पर हाइपोक्लोराइट घोल की टंकी लादकर लोगों की मांग के अनुरूप उनके घर सरकारी कार्यालय वाहनों का सैनिटाइजेशन करने के लिए निकल पड़ते हैं. समाज के ओमप्रकाश के नेतृत्व में युवा अब तक एक लाख 16000 हजार लीटर हाइपोक्लोराइट का घोल अलग-अलग जगह पर छिड़क चुके हैं, यह क्रम लगातार जारी भी है.

इसकी शुरुआत मिल्कमैन कॉलोनी के लिए ही हुई थी, लेकिन बाद में लोगों ने सहयोग मांगा तो इसे आगे बढ़ा दिया गया. वर्तमान में 20 से ज्यादा छिड़काव की मशीनें शहर में इनकी काम कर रही है. विजय भारत अभियान के नाम से यह काम हो रहा है जिन लोगों के पास खुद की मशीन हैं तो उन्हें केमिकल निः शुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है. जहां से भी डिमांड आती है वहां समाज के युवा जाकर इस काम को पूरा करने में लगे हैं.

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इसी तरह मिल्कमैन कॉलोनी में स्थित समाज के एक मंदिर में रसोड़ा चलाया जा रहा है. यह रसोड़ा भी 22 मार्च से लगातार चल रहा है. शुरुआत के 15 दिन तक सुबह-शाम दोनों समय यहां भोजन बनता था बाद में इसे एक समय कर दिया गया. खाने में हरी सब्जी और चपाती दी जाती है जिससे कि किसी को खाना उबाऊ नहीं लगे. समाज के कैलाश परिहार बताते हैं, कि समाज के लोगों के सहयोग से यह काम चल रहा है. फिलहाल हम इसे 20 अप्रैल तक चलाएंगे और अगर निर्णय हुआ तो 3 मई तक भी इसे आगे लेकर जाएंगे.

इस काम में समाज की महिलाएं भी चपाती बनाने में सहयोग करती है. समाज के लोगों ने कुछ बस्तियां चिन्हित कर रखी है, जहां प्रतिदिन यह भोजन लेकर जाते है. क्योंकि समाज दूध व्यवसाय से जुड़ा है तो विशेष दिन पर खीर बनाकर भी मजदूरों को दी जाती है.

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