जोधपुर.शहर में बाहरी लोगों द्वारा आम जनता से ठगी के मामले तो कई बार सामने आए हैं. लेकिन, जोधपुर के बासनी थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां जोधपुर के बासनी थाना क्षेत्र के सरस्वती नगर में कॉल सेंटर चलाने वाले युवक सात समुंदर पार रहने वाले अमेरिकन लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया करते थे.
अमेरिकन लोगों से ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश जोधपुर की बासनी थाना पुलिस ने पुलिस इंटेलिजेंस ब्यूरो की सूचना पर कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन ठगी करने वाले दो कॉल सेंटर्स पर छापा मारकर कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस द्वारा कॉल सेंटर पर दबिश देकर गिरफ्तार किए गए 20 लोगों से कंप्यूटर उपकरण लैपटॉप इत्यादि सामग्री भी बरामद की है. गिरफ्तार किए गए युवक अमेरिका में रहने वाले लोगों के वेबसाइट द्वारा मोबाइल नंबर की सूची लेकर 1 दिन में करीब 1 व्यक्ति द्वारा 100 लोगों से संपर्क किया जाता था और उन्हें लोन देने का लालच दिया जाता था और लोन दिलवाने के नाम पर ठगी की जाती थी.
गिरफ्तार किए गए ठगों द्वारा लोन दिलवाने के नाम पर लोगों से संपर्क किया जाता था. जिनमें से कुछ लोग लोन लेने की बात को स्वीकार कर लेते थे. लोन लेना स्वीकार करने के बाद वे लोग अमेरिकन लोगों से फाइल चार्ज और सर्विस चार्ज के नाम पर 50 डॉलर से 100 डॉलर तक गिफ्ट कार्ड में जमा करवाने की बात करते थे.
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डॉलर के रूप में पैसे लेने के बाद ठगों द्वारा उनसे वापस संपर्क नहीं किया जाता था. गिरफ्तार किए गए आरोपियों द्वारा अमेरिकन लोगों से लिए गए डॉलर के रूप में पैसे बिटकॉइन और मर्चेंट के जरिए हवाला द्वारा भारत में प्राप्त कर लेते थे और अमेरिकन लोगों के साथ लोन दिलवाने के नाम पर ठगी की जाती थी. ठगों द्वारा रकम जमा कराने वाले आदमी से एक बार संपर्क करने और उससे डॉलर को गिफ्ट कार्ड में जमा करवाने के बाद उनसे संपर्क नहीं करते थे. इस तरह से जोधपुर में बैठे युवकों द्वारा सात समुंदर पार अमेरिकन लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता था.
पुलिस के अनुसार कॉल सेंटर चलाने वाले युवकों ने सात समुंदर पार बैठे अमेरिकन लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. अमेरिकन लोगों से ठगी करने के मामले में गिरफ्तार किए गए 20 युवक पूरे भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले थे. जिनमें से कई युवक जालौर, सिरोही, आबू रोड, मेघालय ,महाराष्ट्र के रहने वाले हैं.
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार ओझा ने बताया कि कॉल सेंटर चलाने वाला मुख्य आरोपी ओमप्रकाश विश्नोई और प्रकाश पांडेय है जोकि कॉल सेंटर चलाते थे और न्यूजपेपर में कॉल सेंटर में जॉब की वैकेंसी को लेकर एडवर्टाइजमेंट भी दिया करते थे और एडवर्टाइजमेंट के जरिए कॉलेज और स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र इसके संपर्क में आते और ये उन्हें ठगी के काम करने में लगा देते थे. ठगी करने वाले और कॉल सेंटर चलाने वाले युवकों द्वारा 10 से 15000 रुपए सैलरी के नाम पर अलग-अलग शहरों से आने वाले युवकों से ठगी करवाई जाती थी.
फिलहाल, पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर इस पूरे मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस का दावा है कि आरोपियों से पूछताछ करने पर कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. साथ ही जोधपुर शहर सहित अन्य इलाकों में चल रहे अवैध कॉल सेंटर के बारे में भी जानकारी मिल सकती है. ऑनलाइन ठगी के अपराधों में निरंतर हो रही बढ़ोतरी पर रोक लगाने हेतु पुलिस इंटेलिजेंस ब्यूरो की सूचना पर डीसीपी वेस्ट प्रीति चंद्र ने एक स्पेशल टीम का गठन किया. जिसमें पुलिस उपायुक्त उमेश कुमार ओझा के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम बनाई गई जिन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम दिया.