जोधपुर. फेसबुक पर किसी अनजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करना और उसके बाद चैट करना खतरे से खाली नहीं है. ऐसे ही एक जाल में जोधपुर की निजी स्कूल की अध्यापिका फंस गई. जिसे अपनी मेहनत के 16 लाख रुपए से हाथ धोना पडा. इसके बावजूद ठगों ने पीछा नहीं छोडा. मामला पुलिस तक पहुंचा. पुलिस ने मामले की पडताल करना शुरू की तो राज खुलने लगे.
जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस ने दिसंबर के पहले सप्ताह में 4 जनों को मुंबई से गिरफ्तार किया. जिसमें दो महिलाएं भी शामिल थीं. इसके कुछ दिनों बाद एक विदेशी नागरिक को भी इस मामले में दिल्ली से पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.
स्कूल टीचर से ऐसे की ठगी
निजी स्कूल की टीचर ने फेसबुक पर एक विदेशी व्यक्ति मेक्रो के नाम से दोस्ती की. मैक्रो से उसकी चैटिंग होने लगी. इस दौरान एक दिन मैक्रो ने कीमती सामान भारत भेजने की बात कहकर महिला से उसका पता ले लिया. उसने कहा कि वह जब भारत आएगा तब यह सामान उससे ले लेगा. टीचर मेक्रो की बातों में आ गई. दो दिन बाद ही टीचर को मुंबई कस्टम अधिकारी बनकर किसी ने फोन किया कि उसके नाम से एक पार्सल आया है. महिला को पार्सल की कस्टम ड्यूटी जमा करवाने की बात कही गई. इससे महिला को विश्वास हो गया कि उसके नाम से मेक्रो का कीमती सामान आ गया है. शिक्षिका ने कुछ पैसे कस्टम ड्यूटी के नाम पर जमा भी करा दिए.
इसके बाद एक और फोन आया और कहा गया कि जो उसके नाम पर गैरकानूनी सामान का पार्सल आाय है. अब उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ठग ने कहा कि वह मुंबई से एक्साइज डिपार्टमेंट से बोल रहा है. टीचर डर गई. वह ठगों के जाल में फंस चुकी थी. टीचर को यकीन दिलाने के लिए उसे आरबीआई के फर्जी मेल एकाउंट से मेल तक भेजे गए. डरी सहमी शिक्षिका ने ठगों के खाते में अलग-अलग करके 16 लाुख 26 हजार रुपए जमा करवा दिए. फिर भी ठगों पीछा नहीं छोडा तो उसने पुलिस की शरण ली.
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