लूणी (जोधपुर).केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) में किसानों को भूमि जनित रोगों की रोकथाम के बारे में बताया. भूमि जनित रोग खरीफ और रबी कि फसल को नष्ट कर देते हैं. भूमि जनित रोगों की रोकथाम के लिए दशकों से काजरी में शोध किया जा रहा है. रबी की फसल में भूमि जनित रोगों की बात करें तो कीटनाशक जीरे की फसल को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. खरीफ की फसलों की जड़ें इन रोगों के चलते काली पड़ जाती हैं. मूंगफली में घेरा बनना, पौधों का पीला पड़ जाना और सुख जाना आदि भूमि जनित रोगों की पहचान है.
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काजरी के वैज्ञानिकों ने शोध से समन्वित एकीकृत रोग प्रबंधन का प्रयोग करते हुए शोध के बाद कुछ मित्र फफूंद और मित्र जीवाणु की खोज कर उनका जैविक सुत्रीकरण तैयार किया है. इनको मरु सेना के नाम से भी जाना जाता है. काजरी में रबी व खरीफ की फसलों में लगने वाले रोगों के उपचार के लिए ये जीवाणु कारगर साबित हो रहे हैं. काजरी ने इसका पेटेंट भी प्राप्त कर लिया है. इसके साथ ही कोडरमा, ट्राइकोडरमा क किसानों के खेतों पर भी किया गया जो सफल रहा, कृषि वैज्ञानिक डॉ. रितु मावता ने बताया कि राजस्थान में खरीफ व रबी की फसलों पर रोग लगने से किसानों की बोई हुई फसलों को काफी नुकसान होता है.