जोधपुर. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में जोधपुर जिले के किसान प्रतिनिधि शहर की सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के सामने गुरुवार से ही धरने पर हैं. जहां गुरुवार रात को जिला प्रशासन ने दो बार किसानों से वार्ता की लेकिन सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए.
वहीं नीतिगत मांगों को लेकर प्रशासन के अधिकारी अपना रुख स्पष्ट नहीं कर पाए इसके चलते महापड़ाव जारी है. किसानों की मांग है कि पहले जो मई और जून के माह में डेढ़ लाख रुपए का कर्ज मिलता था उसे वापस लागू किया जाए. क्योंकि वर्तमान में मिलने वाला कर्ज 30 हजार तक सीमित कर दिया है.
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जिसका सीधा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है इसके अलावा बड़ी जोतों के किसानों को परेशानी हो रही है. एक ही परिवार के 4 से 5 किसानों की जमीन नाम होने पर उनको अलग-अलग लोन नहीं मिल रहा है. जिसे लेकर सरकार को कोऑपरेटिव बैंकों को नई दिशा निर्देश जारी करने होंगे.
भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष नारायण व्यास ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या सालाना मिलने वाली राशि है इसे 30 हजार करने से किसानों को बहुत परेशानी हो रही है. वहीं किसान संघ के महामंत्री रामनारायण जांगू ने बताया कि हम इन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री मंत्री जिला प्रशासन सहित सभी जगह पर 5 बार ज्ञापन दे चुके हैं. लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हुई तो आखिरकार महापड़ाव का फैसला लिया गया. जिसके बाद एक बार फिर प्रशासन ने देर शाम तक वार्ता की पहल की है.