जोधपुर.मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक विभाग में एक मरीज के हृदय की संरचना में जन्मजात उलटफेर होने से हो रही परेशानी का उपचार किया गया है. दावा है कि पश्चिमी राजस्थान में यह पहली सर्जरी है, जो चिंरजीवी योजना के तहत की गई है.
विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष बलारा ने बताया कि बाड़मेर निवासी 29 वर्षीय जूजाराम के जन्मजात हृदय संरचना में उलटफेर था. लेकिन 6 महीनों से सांस फूलने तथा धड़कन की अनियमितता से ज्यादा परेशान था. कई जगह पर परामर्श लेने के बाद उपचार नहीं हुआ, तो एमडीएम अस्पताल के कार्डियोथेारेसिक विभाग में पहुंचा. यहां पर पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण और इको कराने के बाद पता चला कि मरीज को कंजनाईटली करेक्टेड ट्रांस्पोजिशन ऑफ ग्रेट आर्टरी की जन्मजात हृदय की बीमारी है और उसके बांई तरफ के ए.वी (एट्रियोवेंट्रिकुलर) वाल्व में लीकेज है, जिसके कारण हॉट फेलियर की तरफ बढ़ रहा है.
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इसके चलते ऑपरेशन का निर्णय लिया गया. इस ऑपरेशन को बाइपास मशीन पर किया गया. जिसमें मरीज के लेफ्ट एवी वाल्व को आर्टिफिशियल मैकेनिकल वाल्व से रिप्लेस किया (valve surgery under Chiranjeevi scheme in Jodhpur) गया. ऑपरेशन के पश्चात मरीज का इलाज सीटीवीएस आईसीयू में हुआ. वाइटल पैरामीटर्स ठीक होने के बाद मरीज को सीटीवीएस वार्ड में शिफ्ट किया गया और अब पूर्णता स्वस्थ है. इस ऑपरेशन में डॉ सुभाष बलारा (विभागाध्यक्ष) और डॉ अभिनव सिंह (सहायक आचार्य) एनेस्थीसिया विभाग के सीनियर प्रोफेसर और अतिरिक्त प्राचार्य डॉ राकेश करनावत तथा डॉ शिखा सोनी (सह आचार्य) शामिल रहे. सीटीवीएस सर्जन डॉ देवाराम ने भी मरीज के उपचार में अपना सहयोग दिया.