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जोधपुर: बालश्रम पर रोक कैसे लगे, इसको लेकर बाल आयोग ने वेबिनार किया आयोजित - child labor in rajasthan

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से सोमवार को वेबिनार का आयोजन किया गया. प्रदेश में बाल श्रम की बढ़ती घटनाओं और कोविड-19 के बाद बच्चों के पलायन, तस्करी को रोकने और बाल श्रमिकों की पहचान कर उनका पुनर्वास करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर बात हुई.

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बाल आयोग ने वेबिनार किया आयोजित

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Published : Aug 24, 2020, 9:19 PM IST

लूणी (जोधपुर).राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से सोमवार को वेबिनार का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश में बाल श्रम की बढ़ती घटनाओं और कोविड-19 के बाद बच्चों के पलायन, तस्करी को रोकने और बाल श्रमिकों की पहचान कर उनका पुनर्वास करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर बात हुई. वेबिनार में यूनिसेफ सेव द चिल्ड्रन फ्रीडम फंड प्लान इंडिया व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए.

वेबिनार में यूनिसेफ सेव द चिल्ड्रन फ्रीडम फंड प्लान इंडिया व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए

बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि कोविड-19 के पश्चात विभिन्न राज्यों से वह राजस्थान में और यहां के भी कई जिलों से बच्चे पलायन ना करें और बालश्रम में शामिल ना हों इसको लेकर चर्चा की गई. ऐसे बच्चों के पुनर्वास और सरकारी योजनाओं के लाभ दिलाने एवं शिक्षा से जोड़ने की कार्ययोजना पर विभिन्न राज्य स्तरीय समिति संस्थाओं के साथ विचार विमर्श किया गया.

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आयोग की तरफ से हाल ही में बिहार, मध्य प्रदेश और गुजरात के बाल संरक्षण आयोग एवं मानव तस्करी विरोधी इकाइयों के साथ भी वेबिनार के माध्यम से बालश्रम पर रोक कैसे लगे इसको लेकर चर्चा हुई. साथ ही परिवहन विभाग को विभिन्न राज्यों के जिलों से आने वाली बच्चों की गहनता से जांच कर बाल श्रमिकों की पहचान करने व बाल श्रमिक पाए जाने पर वाहन मालिकों एवं चालकों पर कठोर कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए. जिसके चलते पिछले कुछ दिनों में ही विभिन्न राज्यों से आने वाली तीन बसों से लगभग 100 बाल श्रमिक मुक्त करवाए गए हैं.

बेनीवाल ने कहा कि बाल श्रम की घटनाओं को आयोग गंभीरता से ले रहा है. बालश्रम में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं से चर्चा कर बाल श्रमिकों की पहचान करने तथा उनका पुनर्वास करने हेतु सम्मिलित प्रयास करने पर जोर दिया. आयोग ने विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा इस दिशा में और अधिक सक्रियता से प्रयास करने तथा बाल श्रम की कोई भी घटना पाए जाने पर आयोग के संज्ञान में आने के निर्देश दिए.

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