जोधपुर. राजगढ़ के तत्कालीन सीआई विष्णु दत्त विश्नोई आत्महत्या मामले में सीबीआई न्यायालय ने सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया के विरुद्ध जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. इस संबंध में दिए गए आदेश में कई ऐसे कारण बताए हैं जिससे पता चलता है कि विधायक कृष्णा पूनिया का राजगढ़ थाने में किस कदर हस्तक्षेप था.
आदेश में कहा गया कि थाने के पुलिसकर्मी व अधिकारी भी परेशान थे. इतना ही नहीं इस बात से जिले की एसपी भी वाकिफ थीं. इन सब तथ्यों का आदेश में उल्लेख करते हुए ही मजिस्ट्रेट डॉ पवन कुमार विश्नोई ने विधायक के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित के प्रथम दृष्टया सबूत माने हैं. जिसके आधार पर जमानती वारंट से तलब किया गया है. मामले की अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी.
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एसपी को संदेह था एमएलए का: विष्णु दत्त विश्नोई ने 23 मई, 2020 को आत्महत्या की थी. आत्महत्या की जानकारी फैली और सुसाइड नोट होना भी सामने आया था. इस पर आदेश में लिखा है कि चूरू की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भरतराज से फोन पर पूछा था कि सुसाइड नोट में विधायक का नाम है या नहीं? अपने आदेश में सीबीआई मजिस्ट्रेट ने माना है कि आडियो रिकार्डिंग में पुलिस अधीक्षक द्वारा इस तरह से पूछे जाने से प्रतीत होता है कि पुलिस अधीक्षक को इस बात की जानकारी थी कि विधायक के कृत्य व अचारण से मृतक विष्णु दत्त विश्नोई परेशान व तनाव में था.
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पुलिसकर्मी बोले विधायक का था हस्तक्षेप:कोर्ट के आदेश में लिखा है कि एमएलए के पुलिस थाना राजगढ़ के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में हस्तक्षेप व दबाव की पुष्टि थाना के स्टाफ दिलीप सिंह, नेमीचंद, बलवंत सिंह व सज्जन सिंह के बयानों से होती है. सभी गवाहों ने विभिन्न अवसरों पर एमएलए का दबाव होना बताया है. यहां तक कि एएसपी भरतराज, डीएसपी चंद्रप्रकाश पारीक ने भी अपने साक्ष्य में पुलिस थाना राजगढ़ के कार्यों में स्थानीय विधायक कृष्णा पूनिया का अनुचित दबाव होना बताया है. जीडी एंट्री में भी विधायक द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों को नहीं छोड़ने पर अन्यत्र स्थानांतरण करने की धमकी दिए जाने की जानकारी तक अंकित है. इससे जुडी रिकार्डिंग का भी आदेश में जिक्र है.
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इन आरोपों से थे परेशान: आदेश में लिखा है कि सीआई विष्णु दत्त व सुषमा पूनिया के बीच हुई व्हाट्सएप चैटिंग का एक मैसेज है, जो आत्महत्या से 1 दिन पहले शाम को किया गया था. उसमें विष्णु दत्त ने लिखा कि एमएलए बहुत बकवास हैं. स्टेशन की नई बिल्डिंग बनवाई. टोटल 41 लाख रुपए लगे. एमएलए बोल रही हैं 5 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया. डेढ़ करोड़ लगे और साढ़े तीन करोड़ मैं खा गया. जबकि मैंने आज तक 1 रुपए की रिश्वत नहीं ली. इसी तरह से एमएलए पर मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों से 35 लाख लेने का आरोप लगाया था. सुषमा पूनिया ने गोवर्धन सिंह को मैसेज कर बताया कि विष्णु एमएलए के टॉर्चर से परेशान हैं. उन्होंने कहा है कि मैं मर जाऊंगा. एमएलए को रिश्वत चाहिए. वह मैं उनको नहीं दे सकता. इस कारण मेरे पर दबाव बनाने की झूठी शिकायतें करती हैं.
4 मई को पेश होने का आदेश: मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में लिखा है कि ऐसे कई सबूत हैं जो मृतक की पत्नी उमेश, गोर्वधनसिंह व सुषमा पूनिया से हुई चैटिंग व आडियो रिकार्डिंग और अपने स्थानांतरण के लिए जो प्रार्थना पत्र लिखे थे. तथ्यों से इस बात की पुष्टि होती है कि विधायक के हस्तक्षेप के चलते विष्णु दबाव में था. ऐसे में धारा 306 के तहत विधायक के विरुद्ध प्रसंज्ञान लेना उचित है. मामला सेशन न्यायालय में है. इसलिए 10000 के जमानती वारंट से मुलजिमा को 4 मार्च को पेश हों.