राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

फलौदी जेल ब्रेक : 2 पुलिसकर्मियों के फटे कपड़ों ने घुमाई शक की सुई, जल्द हो सकता है खुलासा - जोधपुर जेल ब्रेक

फलौदी जेल से एक साथ 16 बंदियों की फरार मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं और इस मामले में उनके पास बताने के लिए कुछ नहीं है कि पुलिस की टीमें लगी हुई हैं और अपना काम कर रही हैं. जगह-जगह पर नाकाबंदी करवाई गई है और फरार बंदियों की तलाश जारी है. इस मामले में कार्यवाहक जेलर नबीबख्स की रिपोर्ट पर बंदियों की फरारी का मुकदमा नंबर 135 पर एक मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसकी जांच थाना प्रभारी राकेश ख्यालिया को सौंपी गई है.

phalodi jail break
इन दो तस्वीरों से खुलेगा राज...1

By

Published : Apr 6, 2021, 2:36 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 3:08 PM IST

फलौदी (जोधपुर). कल यानी साेमवार की रात को आईजी नवज्योति गोगोई, एसपी ग्रामीण जोधपुर अनिल कयाल के अलावा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के एसपी कमल सिंह तंवर और जेल डीआईजी फलौदी पहुंचे. सभी ने जेल का मौका मुआयना किया और आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए. फिलहाल, पुलिस अपना काम कर रही है और कामयाबी जल्दी मिले हम केवल यही दुआ कर सकते हैं.

कार्यवाहक जेलर ने दर्ज करवाया मुकदमा...

बंदी फरारी कांड...

फलौदी जेल में कल सोमवार को 60 बंदी थे, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास व एनडीपीएस एक्ट के खतरनाक बंदी भी थे. जेल की क्षमता 17 बंदियों की है यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है और क्षमता से ज्यादा बंदी पहली बार नहीं रहे. पहले भी ज्यादा बंदी इस जेल में रहते रहे हैं और तकरीबन सभी जेलों में ऐसी स्थिति है. जितने बंदियों की क्षमता है उतने बंदी ही किसी जेल में हो, यह आदर्श स्थिति हमारे देश में तो कम से कम मिलनी मुश्किल है.

फालौदी जेल ब्रेक सीसीटीवी फुटेज-2

कल यानी सोमवार रात फरारी वाले मामले में पूरी बात सामने आई वह यह थी कि 8 बजे बंदियों को बैरकों में डाला जाता है. जिसके लिए दो सिपाही अंदर जाते हैं और सबकी गिनती कर बंदियों को बैरक में डाल देते हैं. उस समय गेट पर सुनील कुमार तैनात था और अंदर जाने के लिए कार्यवाहक जेलर नबीबक्श व एक सिपाही तैयार थे. जैसे ही सुनील कुमार ने दरवाजा खोला अंदर से 10-12 बंदी बाहर की ओर भागे. नबीबख्श व दूसरे सिपाही को धक्का देकर गिरा दिया और बाहर मुख्य गेट की ओर भाग गए. वहां मदनपाल सिंह था और कोट गार्ड मधु देवी थी. उन्होंने मधु देवी को उठा कर फैंक दिया और मदनपाल पर भी मिर्ची आदि डाल दी और बाहर की ओर भाग गए. वहां से भागते हुए कचहरी से बाहर आए और बांई ओर मुड़कर कुछ दूरी पर एक स्कार्पियो पहले से तैयार खड़ी थी. उसमें बैठते हैं और फरार हो जाते हैं. पूरा घटनाक्रम इतनी तेजी से घूमता है कि कोई कुछ समझ ही नहीं पाता.

फालौदी जेल ब्रेक सीसीटीवी फुटेज-1

पढ़ें :Phalodi Jail Break : आंखों में मिर्ची झोंक कैसे फरार हुए 16 कैदी, देखिए CCTV फुटेज में

जेल के सामने ही एसडीएम का ऑफिस है उन्हें एक कर्मचारी सुरेश बिस्सा आकर बताते हैं कि जेल से बंदी भाग गए हैं. वे भी दौड कर वहां पहुंचते हैं और देखते हैं कि एक महिला कांस्टेबल मधु देवी जोर जोर से प्रलाप कर रही है और सब इधर उधर भाग रहे हैं. वे तुरंत कलेक्टर को फोन करते हैं और बंदियों के भागने की सूचना देते हैं. उनके सामने ही दो सिपाही अंदर जाते हैं और बंदियों की गिनती करते हैं तो पता चलता है कि 44 बंदी मौजूद हैं और शेष 16 गायब हैं अर्थात 16 बंदी फरार हुए हैं. इसके बाद एडीएम हाकम खान, डीएसपी पारस सोनी, थानाधिकारी राकेश ख्यालिया आदि का आने का क्रम शुरू हो जाता है और फिर देर रात तक निर्देश आदि का दौर चलता है.

सीसीटीवी में कैद हुई घटना...

इस बीच बंदियों के कचहरी रोड से भागते हुए स्कार्पियो तक पहुंचने की घटना एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है. इसमें सभी 16 बंदी कचहरी रोड पर भागते हुए नजर आ रहे हैं. यह वीडियो 50 सेकंड का है, लेकिन सडक पर बंदियों के कचहरी से बाहर निकलने और स्कार्पियो में बैठ कर भागने का समय केवल 24 सेकंड का ही है.

बंदियों को ले जाने के लिए पहले से स्कार्पियो का तैयार रहना और बंदियों का सीधे वहां तक पहुंचना यह साबित करता है कि फरारी वाली साजिश है. बिना किसी दगाबाज जेल स्टाफ के फरारी की स्क्रीपट लिखना और उसे अंजाम तक पहुंचाना आसान नहीं है. इसलिए आप यह मान कर चलिए जेल का कुछ स्टाफ भी फरारी के इस जुर्म में बराबर का भागीदार हैं. उनकी हिस्सेदारी के बिना जेल की कलंक कथा लिखना संभव नहीं था. देर सवेर साजिश का यह सच सामने आएगा और यह दगाबाज चेहरे बेनकाब होंगे, लेकिन शक की सुई रात को ही दो जनों पर घूम रही थी.

इन दो तस्वीरों से खुलेगा राज...1

दो जने, जिन पर शक गहराने लगा है...

यह बताने से पूर्व आपको बता दें कि रौंगटे खडे कर देने वाली इस घटना में अभी भी काफी झोल है. पुलिस अधिकारी अभी जांच में जुटे हैं, इसलिए अभी ज्यादा कुछ नहीं बता रहे. जांच के इस स्तर पर कोई बताना भी नहीं चाहता क्योंकि इससे मुल्जिमों को भी कभी कभार लाभ हो जाता है. सीसीटीवी फुटेज में आप दो चेहरे देख सकते हैं कि एक सिपाही वर्दी में है और दूसरा हरे रंग की टी-शर्ट में है. वर्दी वाले बंदे का नाम मदनपाल सिंह है और दूसरे हरी टीशर्ट वाले का नाम राजेन्द्र गोदारा है. बंदियों के भागने के बाद जब एसडीएम जेल में पहुंचे थे, तब यह दोनों वहीं थे और दोनों की ड्रेस बिलकुल सही थी, अर्थात कहीं से फटी हुई नहीं थी. यह तब की फोटो है.

इन दो तस्वीरों से खुलेगा राज...2

इसमें दोनों के कपड़े फटे हुए हैं...

बंदियों के भागने के बाद इनके कपड़े कैसे फटे, यही सवाल इन दोनों के साजिश के सूत्रधार नहीं, तो शामिल होने का शक तो पैदा करते ही हैं. एसडीएम यशपाल आहूजा ने दोनों से पूछा भी था कि कपडे केसे तो दोनों ने बताया कि हम दोनों उन कैदियों को पकड़ रहे थे, तभी कपड़े फटे.

Last Updated : Apr 6, 2021, 3:08 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details