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सरदारपुरा में 'जादूगर' के सामने भाजपा का राजपूताना दांव, क्या गहलोत को पटखनी दे पाएंगे 'डीन'

Rajasthan assembly Election 2023, आगामी 25 नवंबर को राजस्थान में मतदान होना है. जोधपुर की सरदारपुरा सीट से सीएम अशोक गहलोत के मैदान में होने से ये सीट चर्चा के केंद्र है. वहीं, भाजपा इस सीट को निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इस बार पार्टी ने राजपूत प्रत्याशी पर दांव खेला है, क्योंकि इस क्षेत्र में माली और राजपूत मतदाताओं की संख्या बराबर है और दोनों ही यहां निर्णायक की भूमिका में हैं.

Rajasthan assembly Election 2023
Rajasthan assembly Election 2023

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 8, 2023, 6:04 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 5:55 PM IST

जोधपुर.राजस्थान की सबसे हॉट सीट सरदारपुरा है, क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव लड़ते हैं. हालांकि, उनके सामने लड़ने वाले ज्यादातर उम्मीदवार उन्हें कभी भी चुनौती नहीं दे पाए हैं. ये सीट हमेशा से भाजपा के लिए सिरदर्द बनी रही है और पार्टी इस सीट को जीतने के लिए हमेशा प्रयासरत रही है. यही वजह है कि इस बार भी भाजपा इस सीट को निकालने के लिए एड़ी चोटी का दम लगाए हुए है. इधर, क्षेत्र के सियासी जानकारों की मानें तो यहां मुकाबला कोई खास तो नहीं दिख रहा है. अशोक गहलोत 1999 के उपचुनाव के बाद से ही यहां से लागतार विधायक चुने जाते रहे हैं. ऐसे में ये उनकी परंपरागत सीट बन गई है.

भाजपा को टक्कर की उम्मीद :माली, राजपूत, महाजन बाहुल्य इस सीट पर भाजपा पिछले चुनावों में सभी प्रयोग कर चुकी है, लेकिन उसे यहां सफलता नहीं मिली. इस बार नए चेहरे के रूप में लगातार तीसरी बार राजपूत प्रत्याशी को उतारा गया है. भाजपा को उम्मीद है उनके राजपूत प्रत्याशी प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़ गहलोत को यहां कड़ी टक्कर देंगे. वहीं, इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भी बेदम साबित होते रहे हैं. अबकी खास बात यह है कि इस बार सरदारपुरा में आठ हजार से ज्यादा मतदाता बढ़े हैं.

एक नजर गहलोत के चुनावी विजय पर

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सरदारपुरा के चुनावी मुद्दे :24 साल में बतौर विधायक व सीएम, अशोक गहलोत ने क्षेत्र को बहुत कुछ दिया है, लेकिन यहां की बड़ी कॉलोनियों के आधारभूत ढांचे डवलप नहीं हो सके हैं. इसके चलते बारिश के दिनों में बड़े इलाके में जलभराव की समस्या बनी रहती है. ऐसे में इस समस्या के स्थायी निराकरण के लिए सीएम की ओर से चुनाव से पूर्व यहां एक लंबे नाले के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसका काम शुरू हो गया है.

गहलोत का मजबूत पक्ष :प्रदेश की राजनीति में बड़ा कद होने व माली समाज से आने के कारण यहां गहलोत की स्थिति मजबूत मानी जाती है, क्योंकि इस क्षेत्र में माली मतदाता निर्णायक की भूमिका में हैं. इसके अलावा क्षेत्र के हर वर्ग में गहलोत की मजबूत पकड़ मानी जाती है, जिसका उन्हें चुनावों में लाभ मिलता रहा है. साथ ही क्षेत्र के अल्पसंख्यक मतदाता उन्हें एकतरफा वोट करते आए हैं.

गहलोत का कमजोर पक्ष :गहलोत क्षेत्र में खुद के लिए तो वोट हासिल कर सकते हैं, लेकिन किसी अन्य को वोट दिलवा नहीं सकते हैं. बीते लोकसभा चुनाव में उनके बेटे वैभव गहलोत चुनावी मैदान में थे और सीएम गहलोत के लाख प्रयास के बाद भी वो अपने बेटे को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में बढ़त नहीं दिलवा सके थे. नतीजतन वैभव गहलोत भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत से 18827 मतों से पिछड़ गए थे.

अशोक गहलोत का चुनावी सफरनामा

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भाजपा प्रत्याशी का मजबूत पक्ष :भाजपा ने सीएम गहलोत के खिलाफ प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है. सरदारपुरा में राजपूत मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि ये तबका राठौड़ के पक्ष में मतदान करेगा. साथ ही जेडीए अध्यक्ष रहने के दौरान राठौड़ ने क्षेत्र में बहुत से विकास कार्य करवाए थे. ऐसे में उन्हें इसका लाभ भी मिलने की उम्मीद है.

राठौड़ का कमजोर पक्ष :माली परंपरागत भाजपा वोटर हैं, लेकिन अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने की सूरत में वो कांग्रेस को वोट करते आ रहे हैं. साथ ही बीते 25 सालों में यह धारणा बन गई है कि कोई यहां गहलोत को हरा नहीं सकता है.

गहलोत वर्सेस राठौड़ :72 साल के अशोक गहलोत 50 साल से सियासत में सक्रिय हैं. पांच बार सांसद रहते हुए वो केंद्र में भी मंत्री रह चुके हैं. साथ ही पार्टी आलाकमान को उन पर भरोसा है. यही वजह है कि उन्हें राज्य का मुखिया बनाया जाता रहा है और वो तीन बार मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करने में कामयाब रहे हैं. वहीं, 59 साल के प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़ जयरानारायण व्यास विश्वविद्यालय में डीन हैं. साथ ही राजेंद्र राठौड़ के समर्थक माने जाते हैं. गत भाजपा सरकार में वसुंधरा राजे ने जोधपुर विकास प्राधिकरण का उन्हें अध्यक्ष बनाया था. पहली बार प्रत्यक्ष रूप से चुनावी राजनीति में उनका पर्दापण हुआ है.

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सीट की संरचना और मतदाता :सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 2 लाख 57 हजार 191 मतदाता हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 31 हजार 131 हैं. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 26 हजार 39 है. इसके अलावा 21 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. बात अगर जातीय समीकरण की करें तो यहां अनुमानित माली और राजपूत 50-50 हजार, जाट 20 हजार, अल्पसंख्यक 20, महाजन 25 हजार, अनुसूचित जाति 30 हजार व अन्य ओबीसी जातियां 60 के आसपास हैं.

Last Updated : Dec 1, 2023, 5:55 PM IST

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