जोधपुर.राजस्थान की सबसे हॉट सीट सरदारपुरा है, क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव लड़ते हैं. हालांकि, उनके सामने लड़ने वाले ज्यादातर उम्मीदवार उन्हें कभी भी चुनौती नहीं दे पाए हैं. ये सीट हमेशा से भाजपा के लिए सिरदर्द बनी रही है और पार्टी इस सीट को जीतने के लिए हमेशा प्रयासरत रही है. यही वजह है कि इस बार भी भाजपा इस सीट को निकालने के लिए एड़ी चोटी का दम लगाए हुए है. इधर, क्षेत्र के सियासी जानकारों की मानें तो यहां मुकाबला कोई खास तो नहीं दिख रहा है. अशोक गहलोत 1999 के उपचुनाव के बाद से ही यहां से लागतार विधायक चुने जाते रहे हैं. ऐसे में ये उनकी परंपरागत सीट बन गई है.
भाजपा को टक्कर की उम्मीद :माली, राजपूत, महाजन बाहुल्य इस सीट पर भाजपा पिछले चुनावों में सभी प्रयोग कर चुकी है, लेकिन उसे यहां सफलता नहीं मिली. इस बार नए चेहरे के रूप में लगातार तीसरी बार राजपूत प्रत्याशी को उतारा गया है. भाजपा को उम्मीद है उनके राजपूत प्रत्याशी प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़ गहलोत को यहां कड़ी टक्कर देंगे. वहीं, इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भी बेदम साबित होते रहे हैं. अबकी खास बात यह है कि इस बार सरदारपुरा में आठ हजार से ज्यादा मतदाता बढ़े हैं.
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सरदारपुरा के चुनावी मुद्दे :24 साल में बतौर विधायक व सीएम, अशोक गहलोत ने क्षेत्र को बहुत कुछ दिया है, लेकिन यहां की बड़ी कॉलोनियों के आधारभूत ढांचे डवलप नहीं हो सके हैं. इसके चलते बारिश के दिनों में बड़े इलाके में जलभराव की समस्या बनी रहती है. ऐसे में इस समस्या के स्थायी निराकरण के लिए सीएम की ओर से चुनाव से पूर्व यहां एक लंबे नाले के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसका काम शुरू हो गया है.
गहलोत का मजबूत पक्ष :प्रदेश की राजनीति में बड़ा कद होने व माली समाज से आने के कारण यहां गहलोत की स्थिति मजबूत मानी जाती है, क्योंकि इस क्षेत्र में माली मतदाता निर्णायक की भूमिका में हैं. इसके अलावा क्षेत्र के हर वर्ग में गहलोत की मजबूत पकड़ मानी जाती है, जिसका उन्हें चुनावों में लाभ मिलता रहा है. साथ ही क्षेत्र के अल्पसंख्यक मतदाता उन्हें एकतरफा वोट करते आए हैं.
गहलोत का कमजोर पक्ष :गहलोत क्षेत्र में खुद के लिए तो वोट हासिल कर सकते हैं, लेकिन किसी अन्य को वोट दिलवा नहीं सकते हैं. बीते लोकसभा चुनाव में उनके बेटे वैभव गहलोत चुनावी मैदान में थे और सीएम गहलोत के लाख प्रयास के बाद भी वो अपने बेटे को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में बढ़त नहीं दिलवा सके थे. नतीजतन वैभव गहलोत भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत से 18827 मतों से पिछड़ गए थे.