लूणी (जोधपुर).बसंत पंचमी पर्व पूर्वव्यापी माघ शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है. विद्या भारती द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर में बसंत पंचमी के अवसर पर बालकों को विद्यारंभ संस्कार करवाया गया.
इस बार बसंत पंचमी इसलिए श्रेष्ठ है क्योंकि सालों बाद ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति बन रही है. बसंत पंचमी के दिन तीन ग्रह खुद की ही राशि में रहेंगे. मंगल वृश्चिक में, बृहस्पति धनु में और शनि मकर राशि में रहेंगे. ऐसी स्थिति विवाह, शुभ कार्य के लिए शुभ मानी जाती है. बसंत पंचमी हिंदुओं का त्योहार है. इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन स्त्रियां पीले वस्त्र धारण करती हैं.
मां सरस्वती के अवतरण दिवस, बसंत पंचमी के अवसर पर 3 वर्ष से लेकर 4 वर्ष तक के छोटे भाई-बहनों के हिंदू संस्कृति में सोलह संस्कार हैं. उनमें से एक विद्यारंभ संस्कार करवाया जा रहा है, जिसमें मां सरस्वती के पूजा करके शास्त्रों की पूजा करवाई गई.
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भैया बहनों की माताओं ने जोड़े के साथ बैठकर उनका विद्यारंभ संस्कार किया. साथ ही बच्चों को विघालय में शिक्षा हेतु प्रवेश दिलवाया गया. बसंत पंचमी के दिन शिक्षा संस्कार, गृह प्रवेश, भवन निर्माण, यज्ञोपवीत संस्कार, विवाह जैसे शुभ कार्य के लिए श्रेष्ठ माना जाता है. इस अवसर पर पारसमल जैन, संगीता चोरड़िया, अशोक गहलोत सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ और बालक बालिका मौजूद रहीं.