जोधपुर.भाजपा राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपनी खास सियासी प्लानिंग के तहत अपने सांसदों को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतार रही है, ताकि राज्य की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की घेराबंदी की जा सके. यही वजह है कि अब सांसद अपने क्षेत्रों में एकदम से सक्रिय हो गए हैं और आम लोगों के बीच मित्रवत मेल मिलाप कर जनसंपर्क में जुटे हैं. वहीं, शनिवार रात को जोधपुर में इसकी बानगी देखने को मिली, जहां केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उनके चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच शहरों के लोगों संग चबूतरे पर बैठ कर बातचीत करते दिखे.
माना जा रहा है कि शेखावत जोधपुर की तीन सीटों में से किसी भी एक सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, ज्यादातर लोग शेखावत और सीएम अशोक गहलोत के बीच सरदारपुरा में मुकाबला होने की बात कह रहे हैं. वहीं, चर्चा ये भी है कि जोधपुर शहर या फिर सूरसागर सीट से भी अपनी भाजपा प्रत्याशी बदल सकती है. इन चर्चाओं के बीच शनिवार रात को शेखावत बिना किसी प्रोटोकॉल के भीतरी शहर के हनुमान चौक हथाई पहुंचे और लोगों के साथ करीब एक घंटे तक गपशप की. हनुमान चौक शेखावत की पुरानी बैठक भी रही है, लेकिन पिछले लंबे समय वो यहां नहीं आए थे. इसलिए उनसे स्थानियों की कुछ नाराजगी भी थी, जिसे उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में पाटने का प्रयास किया.
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दरअसल, शेखावत पूर्व न्यासी कमलेश पुरोहित के साथ वहां पहुंचे थे. उसके बाद जिला अध्यक्ष देवेंद्र सालेचा, महामंत्री मनीष पुरोहित, पार्षद सुरेश जोशी सहित अन्य लोग भी वहां जुट गए. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों संग किसी आयोजन को लेकर भी चर्चा की, जो करीब एक घंटे तक चली. इसमें सियासी बातें के इतर उन्होंने स्थानियों उनका हालचाल भी जाना.
नाराजगी दूर करने का प्रयास :केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीते दिनों सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास के सीएम गहलोत की तारीफ करने के बयान को बुढ़ापे में बचपने की गलती बताया था. इसको लेकर पुष्करणा समाज ने नाराजगी दिखाई थी. हनुमान चौक हथाई के लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके बयान का विरोध भी किया था. खुद विधायक भी उनसे नाराज हुई थीं. ऐसे में शेखावत शनिवार रात को अचानक लोगों के बीच पहुंच कर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की.
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सुरक्षित सीट की तलाश :जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के गत चुनाव में शेखावत को सभी आठों विधानसभाओं से लीड मिली थी. हालांकि, यह लीड नरेंद्र मोदी के चेहरे पर मिली थी. प्रदेश के चुनाव में भी चेहरा मोदी का ही है, लेकिन इसके बावजूद अभी शेखावत भी सुरक्षित सीट से लड़ना चाहते हैं. सरदारपुरा में गहलोत को हराना आसान नहीं है. सिर्फ गहलोत को घेरने के लिए उन्हें यहां से चुनाव लड़ाने की योजना है.
वहीं, जोधपुर शहर सीट भाजपा महाजन वर्ग को और सूरसागर ब्राह्मण को देती आई है. हालांकि, अबकी यहां बदलाव की बात कही जा रही है, लेकिन बदलाव की सूरत में पार्टी को भारी विरोध झेलना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में अगर शेखावत जोधपुर से बाहर जाते हैं तो उनके लिए सबसे मुफीद लोहावट सीट हो सकती है. इधर, अगर बात शेरगढ़ सीट की करें तो वहां के राजपूत बाहरी को पसंद नहीं करेंगे. साथ ही पोकरण भी रिस्की हो सकती है.