बिलाड़ा (जोधपुर).पाक सीमा से आई टिड्डियों ने इन दिनों राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर सहित कई जिलों में आतंक मचा रखा है. इसके साथ ही खेतों में खड़ी कपास, मूंगफली, अरण्डी, मूंग, मोठ, बाजरा, ज्वार की फसलों को चट कर रही हैं. एक तरफ तो कम बरसात और ऊपर से टिड्डी दल का बड़ा हमला होने से बिलाड़ा उपखंड के किसानो की चितांए बढ़ गई है. इसके लिए किसान सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
बिलाड़ा उपखंड में टिड्डियों का आतंक इसके साथ ही इन टिड्डियों के खात्मे के लिए सरकार की ओर से गुरुवार सुबह हेलीकॉप्टर से एयर स्ट्राइक की गई. बिलाड़ा उपखंड के गांव में ये पहला अवसर है कि इतना बड़ा टिड्डियों का दल आया और हेलीकॉप्टर की ओर से स्प्रे कर टिड्डियों का सफाया किया जा रहा है. बिलाड़ा उपखंड में 10 KM तक फैले दल पर हेलीकॉप्टर और रसायन से भरी करीब आधा दर्जन गाड़ियों से टिड्डी प्रभावित क्षेत्र में छिड़काव किया जा रहा है.
बता दें कि बिलाड़ा उपखंड के निकटवर्ती बाला, लांबा, भावी, रावर, कापरड़ा क्षेत्र के कुछ गांव की सरहद में बुधवार रात से ही 10 किलोमीटर लम्बे क्षेत्र में पड़ाव डालकर बैठे टिड्डी दल पर गुरुवार की सुबह हेलीकॉप्टर से कीटनाशक का छिड़काव किया गया. इस दौरान मौके पर मौजूद विभागीय कर्मचारियों ने ऊंची जगह पर लाल रंग के झंडे लगाकर पायलट को टिड्डियों के पड़ाव स्थल की लोकेशन बताई. इस कार्य के दौरान हेलीकॉप्टर 30 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता रहा और सैंकड़ों लीटर मेलाथियोन का करीब एक हजार हेक्टेयर एरिया में छिड़काव किया गया.
टिड्डियों पर की एयर स्ट्राइक टिड्डी नियंत्रण विभाग के संयुक्त निदेशक केएल गुर्जर ने बताया कि टिड्डी दल से देश और किसानों की फसलों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर के माध्यम से स्वदेशी रूप से टिड्डी नियंत्रण प्रणाली विकसित की है, इससे टिड्डियों पर देश में पहली बार परीक्षण के तौर पर छिड़काव किया जा रहा है और ये परीक्षण काफी हद तक सफल भी रहा है. छिड़काव के एक घंटे बाद पड़ाव स्थल पर 60 प्रतिशत से अधिक टिड्डियां मर जाती है. बाकी बची हुई 40 प्रतिशत टिड्डियां घायल अवस्था में रहती है जो एक दो दिन में मर जाएंगी.
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गौरतलब है कि इसी तरह बिलाड़ा क्षेत्र की अन्य ग्राम पंचायतों में भी कई वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लाखों टिड्डियों के एक बड़े समूह ने डेरा जमा दिया था. जिस पर किसानों ने स्प्रे कर उड़ाया था, लेकिन बुधवार शाम को आए सबसे बड़े टिड्डी दल को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए हैं. बुधवार रात भर क्षेत्र के किसान टिड्डी हमले से चौपट हो रही अपनी फसलों को बचाने के लिए थाली, ढोल, टायर इत्यादि जला कर बचाने के जतन कर रहे है. लेकिन टिड्डी के बड़े दल का बड़े भू-भाग पर पड़ाव होने से किसानों के प्रयास नाकाम होने से चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं.
इस मौके पर बिलाड़ा उपखंड अधिकारी निशु कुमार अग्निहोत्री के निर्देश पर तहसीलदार ताराचंद प्रजापत, कृर्षि अधिकारी मालाराम विश्नोई, सहीराम जांगू, पटवारी दिनेश प्रजापत सहित कई कृर्षि, टिड्डी विभाग के कर्मचारी और गांव के जनप्रतिनिधि और किसान टिड्डी नियंत्रण के लिए जुटे हुए हैं.