बिलाड़ा (जोधपुर). सोमवार रात को बिलाड़ा उपखंड के जैतीवास गांव में हुए तिहरे हत्याकांड के मामले में दूसरे दिन भी पुलिस हत्यारों तक पहुंचने की हर संभव कोशिश कर रही है. घटना के दूसरे दिन बावरी समाज की जैतारण में एक बैठक हुई, जिसमें हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार करने और अनाथ हुए परिवार को मुख्यमंत्री कोष से आर्थिक मदद दिलाने की मांग की गई है.
बिलाड़ा के जैतीवास गांव में तिहरे हत्याकांड के आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर वहीं, मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती हत्याकांड का चश्मदीद नाबालिग अपने चाचा प्रकाश और सुरेश को घटना के बारे में कुछ अहम जानकारी दी है. नाबालिग ने बताया कि सोमवार शाम को एक स्थानीय युवक, जो दूसरे समाज का है वह डेरे पर आया था. उन्होंने बताया कि रात के वक्त हुए हमले में चिलाने की आवाज पर उसकी नींद खुल गई और वो घटने की मंजर देख कर झोपड़ी के एक कोने में छुप गया.
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इस बीच कब उनके मां-बाप का दम टूट गया, उसको पता नहीं चला. सुबह हुई तो सुनसान जगह की तरह किसी का आना-जाना नहीं होने से नाबालिग भी सहमा हुआ शवों के पास बैठा रहा और तड़पती मां के ऊपर लकड़ी के सहारे कंबल डालकर छाया करने का प्रयास किया. इसके बाद वह अपने मासूम भाई को डेरे के पास पेड़ की छांव तक ले गया.
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वहीं, घायल दोनों बहनों को संभाल कर किसी के आने का इंतजार करता रहा. दो सौ मीटर दूर ग्रेवल सड़क पर चल रहे किसी भी वाहन चालक की नजर इस डेरे के मंजर पर नहीं गई और कोई इनकी सुध लेने के लिए डेरे पर भी नहीं आया. नाबालिग हारकर ग्रेवल सड़क पर आ कर बैठ गया. थोड़ी देर बाद महेंद्र सिंह अपनी बाइक से बेड़े पर जा रहे थे, जिनको रुकवा कर नाबालिग ने डेरे में हुई घटना के बार में बताया. इसके बाद पुलिस की सूचना दी गई, तब से पुलिस आरोपी की तालाश कर रही है.