जोधपुर. पाकिस्तान के राहमियार जिले के एक गांव में रहने वाला परिवार 6 साल पहले पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से परेशान होकर जोधपुर पहुंचा. लेकिन इतने साल बाद भी उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई. परिवार का आरोप है कि जिला प्रशासन और सीआईडी ने उन्हें नागरिकता देने के नाम पर जोधपुर बुलाया लेकिन नागरिकता कभी नहीं दी.
पाक विस्थापित हिन्दुओं को भारत छोड़ने का नोटिस जिसके बाद सीआईडी ने एक बार फिर परिवार को नागरिकता देने के लिए जोधपुर बुलाया लेकिन नागरिकता की जगह परिवार के 6 सदस्यों को भारत छोड़ने का नोटिस थमा दिया. साथ ही उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए. परिवार के 19 लोगों में से 6 ऐसे सदस्यों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है जो पूरे परिवार का लालन-पालन करते हैं. जिसके चलते अब इस परिवार पर एक तरह की मुसीबत सी आ गई है.
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पाकिस्तान से टुकड़ों में यह परिवार जोधपुर की वीजा पर आया था. लेकिन काम के लिए जैसलमेर के नाचना में बस गया. इसे वीजा नियम का उल्लंघन बताते हुए सीआईडी सीबी ने डिपोर्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, परिवार की महिलाओं का कहना है कि पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार को छोड़कर वो भारत आए, लेकिन अब यहां का प्रशासन उन्हें जबरन पाकिस्तान भेजने पर तुला हुआ है.
महिलाओं ने चेतावनी दी है कि वह सभी मर जाएंगे लेकिन किसी भी सूरत में ना तो अपने पति और परिवार के लोगों को पाकिस्तान जाने देंगे और ना ही वह खुद पाकिस्तान जाएंगे. जिन 6 लोगों को भारत छोड़ने का नोटिस मिला है उसमें काजल का भी नाम शामिल है. बता दें कि काजल का यहां रिश्ता भी हो गया है लेकिन अब उसे अपने पिता के साथ भारत छोड़ने के लिए कहा गया है.
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परिवार ने सरकार से गुहार लगाई है कि वह उन्हें अपनों के पास हिंदुस्तान में ही रहने दे. गुरुवार को जोधपुर कलेक्ट्रेट में यह पूरा परिवार रोता बिलखता नजर आया. अपने परिवार से बिछड़ने का दुख क्या होता है, ये इन महिलाओं और मासूम बच्चों को देख कर पता चल सकता है. यह परिवार 6 साल पहले इस उम्मीद और आशाओं के साथ पाकिस्तान छोड़कर भारत आया था कि कम से कम पाकिस्तान में होने वाले धार्मिक, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से वह बच सकेगा.
भारत में परिवार के मुखिया सहित 19 सदस्य पिछले 6 साल से जोधपुर और जैसलमेर के इलाके में अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे थे, लेकिन अचानक सीआईडी जोधपुर ने गृह मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए परिवार के मुखिया, कमाऊ बेटों और एक बेटी पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से भारत छोड़ने का फरमान जारी कर दिया. अब यह पीड़ित परिवार सीआईडी कार्यालय, जिला कलेक्टर और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहा है. वहीं, पूरे मामले में सीआईडी के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.