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Published : Feb 9, 2023, 6:52 PM IST

Updated : Feb 9, 2023, 8:07 PM IST

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कल से शुरू होगा 14वां सेक्रेड स्पिरिट फेस्टिवल, सूफी कलाकारों और संगीतकारों को दिखेगी जुगलबंदी

जोधपुर में 14 वां ‘सेक्रेड स्पिरिट फेस्टिवल (14th Sacred Spirit Festival) तीन साल बाद कल से शुरू होगा. इसमें लोक कलाकार और संगीतकार एवं अन्तर्राष्ट्रीय कलाकारों के बीच संगीत की जुगलबंदी के साथ प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी.

14th Sacred Spirit Festival from 10 February
14वां सेक्रेड स्पिरिट फेस्टिवल कल से

14वां सेक्रेड स्पिरिट फेस्टिवल कल से

जोधपुर.मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से तीन साल के अंतराल के बाद 14वां तीन दिवसीय 'सेक्रेड स्पिरिट फेस्टिवल-2023' का 10 फरवरी से आयोजन होने जा रहा है. फेस्टिवल के मुख्य संरक्षक पूर्व नरेश महाराजा गज सिंह होंगे. इसको लेकर गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट में महाप्रबन्धक जगतसिंह राठौड़ ने बताया कि कोविड के चलते तीन साल बाद विभिन्न देशों के कलाकार सूफी, भक्ति एवं उससे जुड़ी विभिन्न आध्यात्मिक और संगीत परम्पराओं के इस आयोजन में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. इसमें हमारे लोक कलाकार और संगीतकार एवं अन्तर्राष्ट्रीय कलाकारों के बीच संगीत की जुगलबंदी और प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी.

शनिवार रात को ग्रेमी पुरस्कार विजेता और मेाहन वीणा के जनक पं. विश्व मोहन भट्ट की खास प्रस्तुति रहेगी. गायक और गीतकार एवं संगीतकार सोनम कालरा, जो भारतीय और पश्चिमी दोनों परम्पराओं में पारंगत हैं, संगीत समूह चार यार के प्रमुख गायक डाॅ. मदन गोपाल सिंह, कर्नाटक के बांसुरी वादक जेए जयन्त शामिल होंगे. इसके अलावा भारत की प्रथम महिला सामूहिक कर्नाटक फ्यूजन बैंड अनुराधा पाल, राजस्थान के जैसलमेर के बरना गांव के ढोलक के साथ खड़ताल वादक गाजी खान, पद्मश्री अनवर खान प्रस्तुति देंगे. इसके साथ ही फेस्टिवल में उज्बेक बेखोर डांस कम्पनी की महिला कलाकार, मंगोलिया के हतन एनसेम्बल, फ्रांस के लूप बेरो, जीन पियरे स्माद्ज, यूके के जस्टिन एडम्स की शानदार संगीत प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी.

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लुप्त होती संगीत विधाओं को सरंक्षण देना उद्देश्य
मेहरानगढ़ के इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य संगीत की लुप्त होती विधाओं को सरंक्षण देना है. फेस्टिवल के निदेशक एलेन वेबर ने बताया कि भारत में आज भी घरानों की परंपरा है. जबकि पश्चिम सहित अन्य जगहों पर संगीत से जुड़े परिवार की प्रथा खत्म हो गई है. यह देख अच्छा लगता है कि लोग पीढ़ियों से गायन और संगीत से जुड़े हैं जिससे इनका सरंक्षण भी होता है. इस फेस्टिवल के माध्यम से दुनिया की कई विधाओं को बचाया गया है.

Last Updated : Feb 9, 2023, 8:07 PM IST

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