झुंझुनू. भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के साथ 16 दिसंबर 1971 में हुए युद्ध की जीत के मौके पर विजय दिवस मनाया जा रहा है. भारत-पाक युद्ध में झुंझुनू के भी 147 जांबाजों ने शहादत दी थी. विजय दिवस के मौके पर इन जांबाजों की शहादत को सलाम किया गया.
युद्ध, हमला, पाकिस्तान, विजय दिवस का नाम आए और उसमें झुंझुनू का जिक्र नहीं आए. ये हो ही नहीं सकता. यहां की मिट्टी से निकले जवानों ने देश की सेना में रहते हुए शहादत और शौर्य की मिसाल पेश की है. बता दें, कि इस जिले के 147 सैनिकों ने शहादत दी है.
लोगों ने बताया, कि आजादी को केवल 24 साल ही हुए थे, देश कबायली हमले के अलावा दो खुले युद्ध झेल चुका था, कि साल 1971 में बांग्लादेश को आजाद करने का जिम्मा उठाना पड़ा. झुंझुनू की हवाओं में अजीब सी सनसनी थी. यहां के सबसे ज्यादा जवान सेना में सेवाएं दे रहे थे, लेकिन लोग युद्ध के लिए अपने बेटों को खुशी-खुशी विदा कर रहे थे.