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झुंझुनू: उर्दू बचाओ यात्रा के तहत युवाओं ने निकाली 3 पदयात्राएं, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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Published : Nov 19, 2020, 8:33 PM IST

झुंझुनू में गुरुवार को युवाओं ने उर्दू बचाओ यात्रा के तहत 3 पदयात्राएं निकाली. साथ ही जिला मुख्यालय पर आकर 168 फीट लंबे तिरंगे के साथ समर्थन मार्च निकाला और कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

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युवाओं ने निकाली 3 पदयात्राएं

झुंझुनू.उर्दू बचाओ आंदोलन काे लेकर निकाली जा रही 1090 किमी की दांडी यात्रा के समर्थन में जिले के युवाओं ने 3 पदयात्राएं निकाली. इसके बाद जिला मुख्यालय पर आकर 168 फीट लंबे तिरंगे के साथ समर्थन मार्च निकाला और कलेक्टर काे मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. उर्दू के साथ हो रहे भेदभाव काे लेकर चूरू के शमशेर भालू खां दांडी पदयात्रा कर रहे हैं.

युवाओं ने निकाली 3 पदयात्राएं

दांडी यात्रा का समर्थन देने के लिए युवाओं ने भारू, सिरियासर और देरवाला से तीन अलग-अलग पदयात्राएं निकाली, जो जिला मुख्यालय पर पहुंची. भारू से माेहम्मद आरिफ के नेतृत्व में पैदल यात्रा पहुंची. ये यात्रा भारू से मदनसर, भीमसर, आबूसर, सीतसर हाेकर झुंझुनू पहुंची. सिरियासर से शमशाद खान की अगुवाई में रवाना हुई पदयात्रा सिरियासर माेड, आबूसर आकर भारू की यात्रा के साथ जुड़ी. इसमें गांवों के युवा शामिल हुए. जिला मुख्यालय पर मुस्लिम वेलफेयर फ्रंट के अध्यक्ष इब्राहिम खान के नेतृत्व में 168 फीट के तिरंगे के साथ युवाओं ने शहर में समर्थन मार्च निकाला.

सरकार भेदभाव बंद करे, नहीं ताे करेंगे बड़ा आंदाेलन

समर्थन यात्रा के बाद युवाओं काे संबाेधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार काे जनता की भावना का सम्मान करते हुए निर्णय करना चाहिए. सरकार काे उर्दू के साथ दूसरे दर्जे का व्यवहार करना बंद करना चाहिए. साथ ही जिन विद्यालयों और महाविद्यालयों में उर्दू विषय की आवश्यकता है, वहां उर्दू विषय खोला जाना चाहिए.

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वक्ताओं ने कहा कि सरकार शिक्षकों की पोस्ट स्वीकृत करें और पैराटीचर को नियमित करें. उन्हाेंने कहा कि हेतमसर के कॉलेज में ही उर्दू स्वीकृत नहीं की गई है. मलसीसर कॉलेज को छोड़कर किसी भी कॉलेज में उर्दू विषय नहीं है. यह अल्पसंख्यक समाज के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार है. सरकार ने जल्द ही सकारात्मक निर्णय नहीं किया तो समाज की ओर से एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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