खेतड़ी (झुंझुनू). रक्षाबंधन पर कलाई पर बंधने वाला धागा भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक होता है. रक्षा सूत्र बांधकर बहन भाई की लंबी उम्र की कामना करती है. वहीं भाई उसके रक्षा का वचन देता है. इसी तरह का वचन खेतड़ी में पुरानी अनाज मंडी के पास रहने वाले मंजूर खान ने अपनी बहन रजिया बानो को दिया. इस भाई ने किडनी देकर अपनी बहन को एक नया जीवनदान दिया है.
बता दें कि मंजूर खान की बहन की दोनों किडनियां खराब हो गई थीं. इसलिए डॉक्टरों ने एकमात्र उपाय किडनी को बदलना बताया. तब भाई ने स्वयं आगे आकर अपनी बहन को किडनी दी. बहन अब अपने ससुराल जयपुर में तीन बच्चों के साथ खुशहाल जिंदगी जी रही है. मंजूर अली खान ने न सिर्फ अपनी बहन की जान बचाई है, बल्कि उन्होंने कौमी एकता की मिसाल पेश की है.
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मंजूर ने हिंदू समाज की बहनों से भी हर रक्षाबंधन राखी बंधवाते हैं. साथ ही वे उनके परिवार में होने वाले हर धार्मिक अनुष्ठान पूजा, पाठ होली, दिवाली में अपनी संपूर्ण भागीदारी निभाते हैं. यहां तक कि परिवार में होने वाले शादी-विवाह में भी सम्मिलित होकर एकता भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देने में एक अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं.