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भाजपा के मतों में सेंधमारी से झुंझुनू की राजनीति में वापस लौटा ओला परिवार

भाजपा के मतों में सेंध लगाने के बाद एक बार वापस ओला परिवार का झुंझुनू में दबदबा साबित हो गया है बृजेंद्र ओला ने ना केवल सारे निर्दलीयों को अपने पक्ष में किया, बल्कि भाजपा को भी यह जता दिया कि झुंझुनू की राजनीति में उनकी बराबरी का कोई नहीं है.

झुंझुनू की राजनीति में वापस लौटा ओला परिवार, Ola family returned to Jhunjhunu politics
झुंझुनू की राजनीति में वापस लौटा ओला परिवार

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Published : Nov 26, 2019, 8:49 PM IST

झुंझुनू. नगर परिषद झुंझुनू के सभापति पद के लिए कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला के पुत्र और झुंझुनू विधायक बृजेंद्र ओला ने कमान संभालकर बड़ी सफलता प्राप्त की है. उनके साथ उनकी पत्नी और पूर्व जिला प्रमुख राजबाला ने बाड़ेबंदी का मोर्चा संभाला.

झुंझुनू की राजनीति में वापस लौटा ओला परिवार

यही वजह है कि यहां पर 60 में से 34 पार्षद ही सिंबल पर जीतने के बावजूद कांग्रेस के सभापति उम्मीदवार को 53 मत मिले हैं. यानी 88 फीसदी से ज्यादा मत लेकर कांग्रेस को पूरी तरह से काबिज करवा दिया. यही कारण रहा कि जीत के बाद ओला का खुली जीप में जुलूस निकाला गया और जमकर नारेबाजी की गई.

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अपना पुराना दाग भी धो डाला

इसके साथ ही बृजेंद्र ओला ने कहीं ना कहीं यह दाग भी धो दिया कि गत बार कांग्रेस के ज्यादा पार्षद आने के बाद भी भाजपा यहां पर बोर्ड बनाने में सफल रही थी. ऐसे में इस बार ओला ने शुरुआत से ही कोई रिस्क नहीं उठाया और पार्षदों को अपनी पत्नी राजबाला ओला और जिला प्रमुख सुमन रायला की अगुवाई में रणथम्भौर भेज दिया.

इसके बाद उन्होंने निर्दलीय पार्षदों को तोड़ना शुरू किया. जिसमें उन्हें ना केवल सफलता मिली बल्कि अपने संपर्कों से उन्होंने भाजपा में भी सेंधमारी की और पांच मत लेने में सफल रहे.

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