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झुंझुनू ने कैसी तोड़ी Corona की चेन, जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में...

1 मार्च को अचनाक जयपुर से एक खबर आती है कि इटली का एक टूरिस्ट कोरोना पॉजिटिव पाया गया है और कोरोना पॉजिटिव कुछ दिल पहले ही दिल्ली से अपने दोस्तों का साथ झुंझुनू आया था. इस खबर से झुंझनू जिले के लोगों के मन में एक अजीब सा डर बस गया कि हर कोई मास्क लगाकर घूमता नजर आया. इसके बाद जिले में एक के बाद एक करके 23 मरीज हो गए. जिनमें तबलीगी जमात के ही 14 लोग शामिल हैं. झुंझुनू से हार नहीं मानी और कोरोना से जंग लड़ता रहा और इसके बाद अब यहां एक भी नए पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आए. वहीं 6 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं.

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झुंझुनू ने कैसी तोड़ी कोरोना की चेन

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Published : Apr 8, 2020, 9:11 PM IST

झुंझुनू.कोरोना वायरस से संक्रमित इटली निवासी के सबसे पहले झुंझुनू के मंडावा शहर में आने और आज तक कुल 23 पॉजिटिव मरीज आने के बीच जिले की कोरोना से जंग लड़ने की सिलसिलेवार कहानी से आपको रूबरू कराते हैं.

झुंझुनू ने कैसी तोड़ी कोरोना की चेन

1 मार्च को अचानक जयपुर से खबर आई कि इटली का एक टूरिस्ट कोरोना से संक्रमित पाया गया है और वह दिल्ली से चलकर सबसे पहले झुंझुनू के मंडावा शहर में अपने दल के साथ 21 फरवरी को आया था. इसके साथ ही अब तक देश विदेश से कोरोना की खबर सुन रहा झुंझुनू जिला सिहर उठा. लोग मास्क लगाकर घूमने लगे. राजस्थानी जयपुर से चिकित्सा विभाग की टीमें पहुंचने लगी थी और उनके नेतृत्व में मंडावा और उसके आसपास के क्षेत्रों में करीब 20 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई और लोगों के लिए बड़ी राहत की बात रही कि वहां कोई पॉजिटिव नहीं पाया गया.

फिर उठी एक अनजाने भय की लहर

इसके साथ ही लोग यह मान चुके थे कि अब फिलहाल झुंझुनू कोरोना के संक्रमण से दूर है. करीब 15 दिन तक लोग मास्क लगाना भी लगभग भूल चुके थे. हालांकि आ रही खबरों से कहीं ना कहीं यह जरूर मन में था कि संक्रमण झुंझुनू नहीं पहुंच जाए. इस बीच 17 मार्च की शाम 7 बजे के आसपास अचानक सोशल मीडिया पर खबर आई कि झुंझुनू के 2 नंबर रोड पर इटली से एक दंपत्ति अपनी बच्ची सहित लौटा था और वह कोरोना से पॉजिटिव पाया गया है.

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एकबारगी लोगों को सोशल मीडिया पर विश्वास नहीं हुआ और लगा कि कोई ना कोई अफवाह फैला रहा है. लेकिन थोड़ी ही देर में प्रशासन की ओर से यह पुष्टि कर दी गई कि 3 लोगों को झुंझुनू के भगवानदास खेतान अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में कोरोना से पॉजिटिव होने के चलते लाया गया है. इसके साथ ही झुंझुनू मे एक भय की लहर उठी.

घर में रहो और तोड़ो किसी भी तरह से कड़ी

प्रशासन ने तुरंत ही पॉजिटिव पाए गए दंपत्ति के निवास स्थान के डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र को सीज कर दिया और जयपुर से वापस आई चिकित्सा विभाग की टीमों के नेतृत्व में स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई. इसके साथ ही झुंझुनू जिला खुद होम क्वॉरेंटाइन हो गया. प्रशासन ने कुछ क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया था. लेकिन जनता ने स्व अनुशासन से पूरे जिले में एक तरह से अपने आप को घरों में कैद कर लिया. प्रशासन की ओर से भी बार-बार अपील की गई कि किसी भी तरह से अब कड़ी को तोड़ना है. आप समझ जाइए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता कर्फ्यू की अपील और राजस्थान सरकार की ओर से लोकडाउन से 4 दिन पहले ही झुंझुनू जिला खुद के अनुशासन से घरों में कैद हो गया.

लॉकडाउन के नियमों का किया पालन

प्रशासन ने भी उठाए कड़े कदम

ऐसे में राजस्थान सरकार की ओर से भी झुंझुनू जिले में कई पदों पर रह चुके और पहले सीएमएचओ भी रह चुके प्रताप सिंह दूतड को सीएमएचओ लगाया गया. वहीं कम अनुभव वाले वर्तमान सीएमएचओ छोटे लाल गुर्जर को भी यहीं पर रखते हुए उनको प्रताप सिंह को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया.

जिला कलेक्टर यूडी खान सारे मामले की मॉनिटरिंग करते रहे और जनता से बार-बार घरों में रहने की अपील के साथ साथ परिस्थितियों को समझते हुए कर्फ्यू भी आगे बढ़ा दिया. जिला पुलिस अधीक्षक ने खुद अपने अधिकारियों के साथ सड़क पर उतर कर लोगों को घरों में रहने के लिए पाबंद किया. इसके अलावा पुलिस ने गलत अफवाह फैलाने वालों की धरपकड़ शुरू कर दी.

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सीएमएचओ प्रताप सिंह दूतड के नेतृत्व में अब तक 1747 सैंपल लिए जा चुके हैं और इनमें से 1621 नेगेटिव, 23 पॉजिटिव और 103 की रिपोर्ट मिलने का इंतजार है. झुंझुनू शहर का तीन राउंड में सर्वे हो चुका है. ग्रामीण क्षेत्रों का एक बार सर्वे पूरा हो चुका है वह दूसरी पार्टी में वापस मैदान में उतर चुकी है. कोरोना के संक्रमण के बाद जिले के सभी लोगों को एक बार टच किया जा चुका है.

जिला कलेक्टर ने निभाई अहम जिम्मेदारी

बिल्डिंगों को का अधिग्रहण कर बनाया क्वार्टन वार्ड

अब तक यह सामने आ चुका था कि खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में शेखावाटी के लोग रहते हैं और इसलिए बड़ी संख्या में लोग वहां से यहां पर लौटे हैं और निश्चित ही उनमें कोरोना का संक्रमण हो सकता है. इसलिए जिला प्रशासन ने जेजेटी यूनिवर्सिटी व सिंघानिया यूनिवर्सिटी सहित कई बिल्डिंगों का अधिग्रहण के आदेश निकाले ताकि जो लोग विदेशों से भी आए हैं. उनको इन इमारतों में रखा जाए और उनकी वजह से यहां के रहने वाले लोगों में संक्रमण नहीं हो जाए.

ऐसे में अब तक इटली से लौटे 3, खाड़ी देशों से आए 5 और फिलीपींस से लौटे एक छात्र को पॉजिटिव पाया गया है. इन सब लोगों के जब सैंपल लिए गए उससे पहले ही प्रशासन की ओर से बनाया जाए क्वार्टन वार्ड में इनको रखा हुआ था.

6 लोग हो चुके हैं नेगेटिव

जिले में अब तक 23 कोरोना वायरस से पॉजिटिव के केस आ चुके हैं. लेकिन इस बीच एक अच्छी खबर यह भी है कि अब तक उनमें से छह लोग ठीक हो गए हैं. उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है और उनको इलाज के बाद होम आइसोलेशन में भी भेज दिया गया है. यह लोग उन 9 लोगों में शामिल है, जिनकी विदेश यात्रा की हिस्ट्री है. बाकी 14 लोग तबलीगी जमात से जुड़े हुए लोग पॉजिटिव है, जिनकी रिपोर्ट हाल ही में पॉजिटिव आई है और ऐसे में उनको ठीक होने में थोड़ा समय लग सकता है. इन सभी को जयपुर रैफर किया हुआ है.

घर-घऱ किया सर्वे

14 लोग जमात से लौटे हुए हैं पॉजिटिव

झुंझुनू जिले के लिए शनिवार का दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के हिसाब से बेहद खतरनाक रहा था और एक ही दिन में 8 मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जबकि इससे पहले 18 दिन में केवल 9 मरीज आए थे. इसके बाद रविवार को 1 और सोमवार को झुंझुनू में 5 कोरोना से पॉजिटिव मिलने एक कुल संख्या 23 हो गई है. इनमें से 14 लोग निजामुद्दीन मरकज मे हिस्सा लेने वाले जमात के लोग हैं और यह झुंझुनू के कई क्षेत्रों में अलग-अलग तिथियों पर लौटे थे.

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ऐसे में जिला प्रशासन ने झुंझुनू जिला मुख्यालय सहित मंडावा, खेतड़ी और गुढ़ा में कर्फ्यू लगा रखा है. चिकित्सा विभाग की टीमें लगातार सर्वे कर रही है. प्रशासन की ओर से यह भी आदेश निकाल दिया गया है कि झुंझुनू जिले में 1 फरवरी के बाद से किसी भी अन्य जिले, राज्य या विदेश से आया हुआ है और यदि उसने खुद ने प्रशासन को सूचना नहीं दी, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. ऐसे में जिला प्रशासन तबलीगी जमात से लौटे हुए व्यक्तियों से अन्य व्यक्तियों में संक्रमण जो अब तक रुका हुआ है. उसको आगे भी रोकने में सफल रहा, तो निश्चित ही जिला पहली स्टेज से भी बाहर नहीं जा पाएगा.

पहली बार कलेक्टर, लेकिन लगा रखी है पूरी ताकत

राजस्थान में भीलवाड़ा और राजधानी जयपुर के बाद कोरोना वायरस के मामले में सबसे ज्यादा सेंसिटिव झुंझुनू जिला है. झुंझुनू जिले की जिम्मेदारी फिलहाल 1989 बैच के आरएएस व 2 वर्ष पहले ही आईएएस सेवा में पदोन्नत होने वाले यूडी खान के कंधों पर है. इससे बड़ी बात यह है कि वे राज्य सरकार में भले ही कई बड़े पदों पर रहे हो, लेकिन जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी उन को पहली बार झुंझुनू में ही मिली थी.

झुंझुनू जिले में कोरोना पॉजिटिव के 23 केस मिले हैं. लेकिन कहा जा सकता है कि अभी भी झुंझुनू जिले में प्रशासन के प्रयास से यह कम्युनिटी स्प्रेड नहीं हुआ है. अभी तक विदेशों से लौटे भारतीयों या दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होकर लौटने वाले तबलीगी जमात के लोगों में में ही झुंझुनू में केस मिले हैं.

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के एक्ज्यूटिव डायरेक्टर ट्रैफिक के पद से यूडी खान ने 10 फरवरी को ही झुंझुनू जिला कलेक्टर के पद पर ज्वाइन किया था और 21 फरवरी को इटली का कोरोना वायरस से पॉजिटिव टूरिस्ट झुंझुनू जिले के मंडावा शहर में घूम कर चला गया. जयपुर में 1 मार्च को उक्त टूरिस्ट के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई और उसके बाद तब से कोरोना के 23 पॉजिटिव मिलने के बीच लगातार राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी से वर्ष 2018 में आईएएस में पदोन्नति होने वाले यूडी खान के नेतृत्व में जनता अधिकारी और कर्मचारी कोरोना की जंग जीतने में लगे हुए हैं.

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