झुंझुनू.अपने रक्त से मां भारती का तिलक करने वाले शहीद कभी मरते नहीं, वह तो अमर होते हैं. उस रक्त की एक-एक बूंद का देश कर्जदार है, लेकिन सीमा की रक्षा करने वाले उन शहीदों की बहनें भी यह त्योहार आम बहनों की तरह ही मनाती हैं. शहीदों की बहनों का कहना है कि उनके भाई देश की रक्षा में शहीद हुए हैं और आज भी अमर हैं. इसीलिए उनकी लंबी उम्र की दुआ करती हैं.
शेखावाटी में शहीदों को देवता का दर्जा प्राप्त है. शहीद की बहनें वैसे ही राखी का त्योहार मनाती हैं जैसे पहले छुट्टियों में रक्षाबंधन पर उनके भाई घर आया करते थे. शहीद की बहनें हर साल रक्षाबंधन पर शहीद की प्रतिमाओं पर रक्षा सूत्र बांधती हैं. इन बहनों का कहना है कि उनके भाई मरे नहीं हैं, अजर-अमर हैं. वैसे झुंझुनू जिला शहीद और सैनिक के लिए पूरे हिंदुस्तान में अपनी एक पहचान रखता है. शहीदों की बात करें तो अकेले झुंझुनू जिले से 467 वीर जवान शहीद हो चुके हैं. ऐसे में रक्षाबंधन के त्योहार पर शहीद की बहनें अपने भाई की प्रतिमाओं पर रक्षा सूत्र बांधती हैं.
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बहनों का कहना है कि हमारे भाई ने घर का ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने मां भारती की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है. हमें अपने भाइयों पर गर्व है कि वह देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है. हम रक्षाबंधन के त्योहार पर उन्हें बहुत याद करते हैं और उनकी प्रतिमाओं पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की दुआएं करती हैं.