झुंझुनू. जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जयप्रकाश नारायण की ओर से दो दिन पहले 'हरियाला झुंझुनू' के नाम से एक मुहिम शुरू की गई थी, जिसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में सार्वजनिक स्थलों को चिन्हित कर सघन वृक्षारोपण करवाया जाना है. इस चिन्हित स्थलों में से एक स्थल को पंचायत सरपंच की ओर से गोद लेकर फलदार एवं छायादार पौधे लगाए जाएंगे. वृक्षारोपण के बाद संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच इस वृक्षारोपण स्थल पर पौधों की देखभाल, निगरानी एवं सुरक्षा करेंगे.
सीईओ की यह नेक मुहिम लाई रंग
झुंझुनू जिला परिषद् सीईओ की ओर से चलाई गई यह हरियाला झुंझुनू मुहिम अब रंग लाने लगी है. इसी के तहत विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर अनेक सरपंचों की ओर से हरियाला झुंझुनूं के तहत वृक्षारोपण के लिए सार्वजनिक स्थल को चिन्हित कर गोद लेने की घोषणा की गई. चिड़ावा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत गिडानिया के सरपंच प्रतिनिधि एवं अंतरराष्ट्रीय वल्र्ड कप पोलो खिलाड़ी जंगशेर अली ने बताया कि सीईओ द्वारा चलाई गई यह मुहिम पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रशंसनीय एवं प्रेरणादाई है.
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उन्होंने कहा की चिड़ावा पंचायत समिति के विकास अधिकारी रविंद्र चौधरी के निर्देशन एवं ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी मनोज कुमार थाकन, कनिष्ठ लिपिक राकेश बराला एवं ग्रामीण टीम के सहयोग से राजस्व ग्राम झाझोत की श्मशान भूमि में 300 छायादार एवं 300 फलदार पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा एवं निगरानी के लिए इस स्थल को गोद ले रहे हैं.
उदयपुरवाटी और खेतड़ी उपखंड के जनप्रतिनिधि भी आए आगे
इसी क्रम में उदयपुरवाटी पंचायत समिति के विकास अधिकारी बाबूलाल रैगर के निर्देशन में ग्राम पंचायत शीथल सरपंच संजू चौधरी, ग्यारसीलाल गुर्जर, सरपंच ग्राम पंचायत मंडावरा द्वारा खेल मैदान में 150 पौधे, श्रीमती गीता देवी सरपंच मनकसास द्वारा श्मशान भूमि में 100 पौधे, अलसीसर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बाडेट की सरपंच संतोष देवी द्वारा श्मशान भूमि में 500 पौधे, खेतड़ी पंचायत समिति की ग्राम पंचायत कालोटा के सरपंच पति रामनिवास गुर्जर द्वारा खेल मैदान में 200 पौधे लगवा कर गोद लिए जाने की घोषणा की एवं भविष्य में देखरेख की शपथ ली गई.
विश्व पर्यावरण दिवस के तहत पर्यावरण संरक्षण पर वेबिनार
चित्तौड़गढ़ में आरएससीईआरटी उदयपुर के माध्यम से विश्व पर्यावरण दिवस के तहत रविवार को पर्यावरण संरक्षण पर वेबिनार आयोजित की गई, जिसमें चित्तौड़गढ़ की पर्यावरण मित्र दिव्या जैन को बतौर मुख्य वक्ता आमंत्रित किया गया.
दिव्या ने अपनी वार्ता में पर्यावरण संरक्षण पर उनके द्वारा चलाये जा रहे अभियान को सबके सामने रखी. साथ ही पर्यावरण संबंधी गतिविधियों को सहशैक्षिक गतिविधियों में शामिल करने का सुझाव दिया. दिव्या ने कहा कि हम बच्चों को सीधे पर्यावरण की छोटी-छोटी गतिविधियों से जोड़ें. उन्हें प्रारम्भ से ही इसकी रक्षा के प्रति संवेदनशील बनाए. हम पॉलीथिन की थैलियों में पौधे लाने की बजाय बीजों को एकत्रित करें उन्हें मिट्टी के लड्डू बनाकर उसमें रखकर उसे विद्यालय के साथ साथ, अन्य खाली जगह मैदान, खेत, मकान के बाहर, खाली जगह, सड़क के किनारे पर छोटा सा गड्डा कर उसमें रखे.