झुंझुनू. नरेंद्र खीचड ने यहां तक पहुंचने में भी लंबा संघर्ष किया है. उनको पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के बेहद नजदीकी माना जाता है. इसका ही फायदा पहले उन्हे विधानसभा चुनाव में मिला, और अब लोकसभा में भी उन पर विश्वास जताया गया. वहीं मौजूदा सांसद संतोष अहलावत का वसुंधरा राजे से 36 का आंकड़ा चल रहा था. जिले में आम चर्चा है कि उप चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता दिगंबर सिंह के चुनाव हारने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सांसद संतोष अहलावत से नाराज चल रही थी.
सूरजगढ सीट संतोष अहलावत के सांसद बन जाने से खाली हुई थी. इसके बाद के चुनाव में मुख्यमंत्री ने अपने विश्वस्त दिगंबर सिंह को मैदान में उतारा था. जहां दिगंबर सिंह चुनाव हार गए.केंद्रीय आलाकमान में ये चर्चा रही कि जहां 6 माह पहले सूरजगढ़ विधानसभा में भाजपा विधायक 50,000 से अधिक मतों से जीती थी. वहां भाजपा के कद्दावर नेता दिगंबर सिंह चुनाव कैसे हार गए. बताया जा रहा है कि इसका ठीकरा सांसद संतोष अहलावत के सर पर फोड़ा गया है.