झुंझुनू. कहते हैं कि जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है. ऐसी ही एक मार्मिक कहानी है झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी कस्बे के किरोड़ी रोड़ स्थित अनुसूचित जाति के बिजोरिया परिवार की. पटवारी लाल बिजोरिया की दो लड़कियों की शादी 11 दिसंबर को हो रही है. बेटियों के पिता पटवारी लाल की 6 माह पूर्व अक्समात निधन हो गया था. यही नहीं, घर में इकलौते जवान भाई की भी डेढ़ वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके बाद इस परिवार पर दुखों का पहाड़ इस कदर टूट पड़ा कि खाने तक के लाले पड़ गए.
एकमात्र छप्पर में जीवन बिताने वाला यह परिवार दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज हो गया. इस शादी से पहले दो बार इन बेटियों की शादी की बात तो हुई, लेकिन पैसे के अभाव में शादी टूट गई. मजबूर मां को उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटियों की शादी हो पाएगी. इस दौरान मीडिया की सुर्खियां बनी इस परिवार की मार्मिक खबर (Bajoria family of Udaipurwati) सात समुंदर पार दोहा कतर में चल रहे राजस्थानी ग्रुप के हिंदू-मुस्लिम भाइयों को लगी तो इस बेबस परिवार की दास्तां उस ग्रुप के लोगों के दिल में घर कर गई.
उसी समय उन्होंने ठान लिया कि कुछ भी हो, इन बिन बाप और बिन भाई की बहनों को अब बाप और भाई का पूरा प्यार हम देंगे. ऐसा ही हुआ शनिवार को दोहा कतर राजस्थानी ग्रुप के कुछ लोग बेटियों के घर आए. उन्होने बेसहारा परिवार की बेटियों की शादी के लिए 1 लाख 11 हजार रुपए की नकद राशि सहित एक फ्रिज प्रदान किया. जिसमें दोहा कतर में नौकरी करने वाले हिंदू-मुस्लिम भाइयों का सराहनीय सहयोग रहा. मौके पर मौजूद समाजसेवी सुरेश मीणा ने इन बहनों के विवाह के लिए सात समुंदर पार से सहायता राशि भेजने वाले राजस्थानी दोहा कतर ग्रुप के संचालक राजेश कुमार सैनी चिड़ावा का आभार जताया.