झुंझुनू. प्रदेश में शिक्षक समुदाय कोरोना से जंग लड़ने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद रेसा के प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश कुमार ने आज एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, सभी विधायकों, मुख्य सचिव, शासन सचिव शिक्षा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा व सभी जिलों के कलेक्टरों को लिखा है और आग्रह किया है कि प्रदेश के प्रत्येक गांव, गली, मोहल्ले में घर-घर घूमने वाले शिक्षा विभाग के सभी कार्मिकों, अधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में कोविड से सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध करवाया जाए तथा कंटेनजेंसी के रूप में पंचायत के प्रभारी अधिकारी पीईईओ को बजट उपलब्ध करवाया जाए.
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प्रदेश में पीईईओ को एक ग्राम पंचायत का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है जो कि उस ग्राम पंचायत की एंटी कोविड टीम का अध्यक्ष है. उस ग्राम पंचायत में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य विभाग के कार्मिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बीट कॉस्टेबल तथा शिक्षक सभी पीईईओ के नियंत्रण में टीम के रूप में कार्य कर रहे हैं, लेकिन इनके पास कोई भी सुरक्षा उपकरण या उनको क्रय करने का बजट आवंटित नहीं है. गत दिनों में प्रदेश में जगह-जगह से पीईईओ सहित शिक्षकों की कोरोना की वजह से मौत की खबर आने के बाद शिक्षक समुदाय में भय व्याप्त है. राज्य सरकार द्वारा इतने बड़े शिक्षक समुदाय के अधिकारियों व कर्मचारियों से सबसे ज्यादा काम करवाने के बावजूद इनकी भूमिका को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.
प्रति पीईईओ पच्चास हजार की राशि आवंटित करने की मांग
राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद रेसा के प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश कुमार ने प्रदेश के सभी विद्यायकों की ओर से कोविड से मुकाबला करने के लिए शिक्षकों की सुरक्षा के लिए विधायक कोष से विधानसभा क्षेत्र के लगभग 50 पीईईओ को प्रति पीईईओ 50 हजार रुपये की राशि आवंटित करें. जिससे आपके कोष से खर्च होने वाली 20.25 लाख रुपए की राशि आपके विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव, मोहल्ले, गली व घर-घर तक कोरोना के विरुद्ध लड़ रहे शिक्षकों की सुरक्षा में काम आएगी तथा सभी कार्मिक और अधिक हिम्मत व आत्मविश्वास के साथ ड्यूटी कर सकेंगे.