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क्या शेखावाटी को जीतने वाला बनेगा 'सत्ता का सिकंदर'? जानिए किस सीट पर कौन दिग्गज फंसा

Rajasthan Assembly Election 2023: शेखावटी की 21 विधानसभा सीटों पर इस बार कई दिग्गजों का पेंच फंस गया है. इस रिपोर्ट में जानिए किन सीटों पर फंसी हुई है स्थिति..

important seats of Shekhawati region
शेखावटी की सीटों पर कहां फंसा पेंच?

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 24, 2023, 6:57 PM IST

Updated : Nov 24, 2023, 8:14 PM IST

शेखावटी की इन सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में कांटे का मुकाबला

झुंझुनूं. जाट बाहुल्य क्षेत्र शेखावाटी यानी सीकर, चुरू और झुंझुनं का वो इलाका, जहां आपको हर गांव में 50 फौजी मिल जाएंगे. बडे उ़द्योगपतियों में अंबानी, अडानी और टाटा को छोडकर स्टिल किंग मित्तल, बिडला, सिंघानिया, जेके, मोदी, रूहिया, खंडेला, पोद्दार, जालान, डालमिया सहित सभी बड़े उद्योगपति यहीं से निकले हैं. ऐसे में राजनीतिक रूप से बेहद जाग्रत कहे जाने वाले शेखावाटी में विधानसभा की 21 सीटें हैं, जहां गत बार कांग्रेस भारी पड़ी थी. तो कहीं ना कहीं इन सीटों के बल पर सरकार बनाने में भी सफल रही थीं.

वहीं इन 21 सीटों में वर्ष 2008 में 11 पर कांग्रेस, 6 पर भाजपा, 2 पर बसपा और 2 पर सीपीएम विजयी रही थी. मामला 2013 में पलट गया और भाजपा 12 पर विजयी रही. तो कांग्रेस मात्र 4 सीटों पर सिमट गई. वहीं 2 पर बसपा और 3 पर निर्दलीय ने बाजी मारी थी. वहीं वर्ष 2018 में 15 सीटें कांग्रेस ने जीती. वहीं एक उपचुनाव जीत कर व दो अन्य को शामिल कर स्कोर 18 कर लिया था. अब मतदान की गहमागहमी के बीच हम उन सीटों की चर्चा करेंगे, जहां पर दिग्गज फंसे हुए हैं.

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गोविन्द सिंह डोटसरा: कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सीकर जिले की लक्ष्मणगढ सीट पर आमने-सामने की टक्कर में फंसे हुए हैं. इतने बड़े कद के नेता होने के बाद भी मामला इकतरफा नहीं है. उनके सामने हाल ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए लेकिन पुराने भाजपाई सुभाष महरिया कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

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राजेन्द्र सिंह राठौड़: चुरू से मैदान छोड़कर तारानगर में चुनाव लड़ रहे उपनेता प्रतिपक्ष के लिए भी यहां आकर बुरी तरह से फंस गए हैं. उनके सामने कांग्रेस के खांटी जाट नेता नरेन्द्र बुडानिया नहर लाने के श्रेय के साथ मैदान में है. जातिगत समीकरण पूरी तरह से जहां बुडानिया के पक्ष में हैं, तो राजेन्द्र राठौड़ बड़े नेता व भाजपा की केन्द्रीय सरकार के कामों के सहारे जीतने के प्रयास में जुटे हुए हैं.

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राजकुमार शर्मा:पूर्व चिकित्सा मंत्री व जीत की चौकड़ी मारने के प्रयास में जुटे राजकुमार शर्मा की सीट एक समय राजस्थान की कांग्रेस की सबसे सेफ सीट मानी जा रही थी, लेकिन अभी यह सीट भी सीधी टक्कर में फंसी हुई नजर आ रही है. इसमें बड़ी बात यह है कि इलाका जाट बाहुल्य है. लेकिन दोनों ही प्रत्याशी इस जाति से नहीं हैं. इसलिए जाट वोट ही यहां पर सबसे निर्णायक हैं आौर कहीं ना कहीं उनके समर्थन से ही पहली बार भाजपा की टिकट पर उतरे विक्रम सिंह जाखल टक्कर दे रहे हैं.

ये दिग्गज भी हैं मैदान में: वहीं शेखावाटी में अन्य दिग्गजों की बात की जाए, तो पांच बार के विधायक श्रवण कुमार व पूर्व सांसद संतोष अहलावत सूरजगढ़ से, कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला के पुत्र पूर्व मंत्री ब्रजेन्द्र ओला झुन्झुनूं से, सांसद नरेन्द्र खीचड़ व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी आमने सामने मंडावा से, राजेन्द्र गुढ़ा उदयपुरवाटी से, प्रेम सिंह बाजौर नीमकाथाना से, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह, सीपीएम के बड़े नेता अमराराम आदि भी विधानसभा में पहुंचने के लिए एडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं.

Last Updated : Nov 24, 2023, 8:14 PM IST

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