झुंझुनू.अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का मुख्य समारोह महिला अधिकारिता विभाग कार्यालय में आयोजित किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंचल मिश्रा और अध्यक्षता जिला कलेक्टर उमर दीन खान ने की. वहीं विशिष्ठ अतिथि के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव मधु हिसारिया, कोषाधिकारी दीपिका सोहू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विरेन्द्र मीणा, सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर, आईसीडीएस उप निदेशक विजेन्द्र राठौड़, सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक बाबूलाल रैगर, सामाजिक कार्यकर्ता राजन चौधरी मौजूद रहे.
घोषित नवाचारों को किया जाएगा पूरा
कार्यक्रम में जिला कलेक्टर उमर दीन खान ने कहा कि पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उनके द्वारा कई नवाचारों की घोषणा की गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण वे पूर्ण नहीं हो चुकी, जिसे इस वर्ष पूर्ण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लाडो सम्मान निधि, एकल पुत्री सम्मान, पहचान पत्र जारी करने, प्राथमिकता से समस्याओं का समाधान करने सहित कई नवाचार किए गए. उन्होंने कहा कि एक वर्ष में जिले में लिंगानुपात 51 अंक बढा है. खान ने कहा कि आने वाले वर्ष में महिलाओं के स्वास्थ्य एवं कल्याण के संबंध में कार्य योजना तैयार की जाएगी. खान ने कहा कि जिले की महिलाओं में हिमोग्लोबिन की मात्रा कम है. इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत 4 गांवों में एनीमिया मुक्त अभियान चलाया गया है, जिसके सुखद परिणाम सामने आए हैं, इसे अब संपूर्ण जिले में लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जिला अव्वल है, इसी का नतीजा रहा कि 2011 में सबसे कमजोर जिला आज सबसे पहले स्थान पर पहुंच चुका है. यह गर्ल चाइल्ड के प्रति सकारात्मक सोच का ही परिणाम है.
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लड़कों की परवरिश पर दे ध्यान
समारोह को संबोधित करते हुए जिला सत्र न्यायाधीश ने कहा कि जिले के पिलानी कस्बे में गत दिनों हुई निंदनीय घटना से हम सबको सबक लेने की आवश्यकता है. अपने आस-पास की गतिविधियों पर ध्यान रखें, ताकि किसी घटना की पुनरावृति नहीं हो. उन्होंने कहा कि अनजान व्यक्ति की गतिविधियों को नोटिस करें. उन्होंने कहा कि परिवारजन लड़कों की परवरिश पर अधिक ध्यान दें. कार्यक्रम में सचिव मधु हिसारिया ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जिले में समय-समय पर लगाए जाने वाले शिविरों की जानकारी देते हुए बताया कि इन शिविरों में लोगों को उनके अधिकारों, कानून एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही योजनाओं में पात्र लोगों को लाभान्वित किए जाने का कार्य भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि लड़कों को यह भी शिक्षा दी जानी आवश्यक होती है कि वे लड़कियों से किस तरह का व्यवहार करें, ताकि समाज में सुधार की एक नई सोच पनप सकें.
विभागों के संयुक्त प्रयासों से जिला बना अव्वल
समाजसेवी राजन चौधरी ने कहा कि 2011 के लिंगानुपात के आकड़े जिले के लिए दुखद थे, मगर जिले ने इसे चैलेंज के रूप में स्वीकार किया और जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा, पुलिस, पीसीपीएनडीटी, आमजन के संयुक्त प्रयास रंग लाएं और आज जिला प्रदेश में अव्वल बन गया. उन्होंने कहा कि यह सब प्रशासन के नवाचार एवं विभाग के उप निदेशक विप्लव न्यौला कार्यशीलता का ही परिणाम है. इससे पहले महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक विप्लव न्यौला ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए बताया कि साप्ताहिक कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक दिवस को विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि राजस्थान में जिले को अव्वल बनाने में ग्रामीण स्तर पर कार्यरत उनकी मानदेय कार्मिकों से लेकर जिला स्तर तक की कड़ी ने जिला प्रशासन के सहयोग से बेहतर कार्य किया है. भविष्य में भी ऐसे सकारात्मक सोच के साथ कार्य किया जाएगा, ताकि जिले को प्रथम स्थान पर बरकरार रखा जा सकें.