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SPECIAL: यह है सूरजगढ़ का Safe Model, कोरोना के चौतरफा हमलों के बावजूद 'अभेद'

झुंझुनू जिले का सूरजगढ़ उपखंड अब तक कोरोना वायरस की चपेट में नहीं आया है. इसकी कारण है यहां के प्रशासन की सर्तकता और कोरोना वॉरियर्स की कड़ी मेहनत. इसकी वजह से यहां लिए गए सारे सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. देखिए ईटीवी भारत की यह स्पेशल रिपोर्ट...

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सूरजगढ़ में कोरोना का एक भी केस नहीं

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Published : May 5, 2020, 6:20 PM IST

Updated : May 5, 2020, 8:50 PM IST

झुंझुनू.राजस्थान में कोरोना वायरस का संक्रमण दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश में अब तक पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 3 हजार से ऊपर पहुंच चुका हैं. वहीं प्रदेश में अब तक 82 मौतें हो चुकी हैं.

सूरजगढ़ में कोरोना का एक भी केस नहीं

वहीं झुंझुनू जिले का सूरजगढ़ उपखंड अब तक कोरोना से सुरक्षित है. इस उपखंड की दो सीमाएं पूरी तरह से हरियाणा से मिलती हैं. लॉकडाउन लगने के बाद से अभी वहां के बॉर्डर से हजारों की संख्या में मजदूर झुंझुनू में प्रवेश यहां से कर रहे हैं. लेकिन अधिकारियों की सूझबूझ और जनता का सहयोग यहां अभी तक एक भी केस पॉजिटिव नहीं मिला है. जबकि झुंझुनू जिले के सभी ब्लॉक में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज पाए गए हैं.

महिला अधिकारी के हाथ में कमान

सूरजगढ़ उपखंड की कमान महिला अधिकारी अभिलाषा चौधरी के हाथ में हैं, कोरोना वायरस में तो उनके पास मुहाना उपखंड का भी अतिरिक्त प्रभार था. हालांकि बाद में वहां पर एक अन्य महिला अधिकारी को ही एसडीएम के रूप में लगा दिया गया है. पिलानी के बड़े कस्बे में सीआई मदन कड़वासरा तो सूरजगढ़ थाने में सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र मलिक ने कोरोना के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा हैं.

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यह रहा मास्टर स्ट्रोक

देश में प्रथम चरण के लॉकडाउन से पहले देश की प्रसिद्ध दरगाह में शामिल नरहड़ के दरगाह में उर्स होने वाला था. लेकिन अधिकारियों के समन्वय से इस उर्स को रुकवा दिया गया और पिलानी सीआई मदन कड़वासरा के नेतृत्व में पूरी दरगाह क्षेत्र को खाली करवा लिया गया. यहां पर पहले से भी जो जायरीन मौजूद थे, उनको तत्काल उसी समय रवाना करवा दिया गया. इसके साथ ही इस क्षेत्र में विशेष रूप से ड्रोन से निगरानी रखी गई और इसके चलते वहां कोई नया जायरीन नहीं आ सका और ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण की जो आशंका थी, वह कम हो गई.

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बिट्स पिलानी प्रशासन से किया तालमेल

बिट्स पिलानी के प्रशासन से संपर्क कर वहां के छात्रों को सही तरीके से घरों के लिए रवाना किया गया. जो छात्र रुकना चाह रहे थे, उनको समझाइश के साथ छात्रावासों में इस तरह से रखा गया कि छात्रों में आपसी संपर्क कम से कम हो और संक्रमण की आशंका भी कम रहे. हालांकि अब बड़ी संख्या में छात्र अपने घरों को लौट चुके हैं और इसलिए वहां पर कोरोना वायरस के पॉजिटिव होने के आशंका कम से कम हैं.

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बॉर्डर की ड्रोन से निगरानी

इसके अलावा सूरजगढ़ उपखंड क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी समस्या बॉर्डर इलाके से कोरोना के घुसने की थी और ऐसे में पिलानी थाने का करीब 35 किलोमीटर का क्षेत्र बॉर्डर से लगता है. इसलिए पिलानी थाना अधिकारी मदन कड़वासरा ने दो ड्रोन कैमरे का इंतजाम किया.

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ऐसे में साफ जाहिर है कि बिट्स पिलानी जितना बड़ा संस्थान होना, हरियाणा की सीमा से लगता हुआ इतना बड़ा बॉर्डर, देश की प्रसिद्ध नरहड़ की दरगाह, दिल्ली से मात्र 150 किलोमीटर की दूरी होने की वजह से भारी संख्या में मजदूरों का लौटना, चारों तरफ के हर कस्बे में कोरोना वायरस का पॉजिटिव मिलना और उसके बावजूद भी यह इलाका कोरोना से पूरी तरह से दूर है. यहां एक भी केस नहीं मिलना अपने आप में सूरजगढ़ का सेफ रहने का मॉडल है.

Last Updated : May 5, 2020, 8:50 PM IST

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