झुंझुनू.महात्मा गांधी रोजगार गारंटी (मनरेगा) अधिनियम के तहत 100 दिन के रोजगार की गारंटी होती है. जिले के मनरेगा में यह आरोप लगाया जा रहा है कि इस भुगतान का फायदा वहां के सुपरवाइजर उठाते है. वह ऐसे मजदूरों का नाम लिखते है जो काम नहीं करते है. ऐसे में मजदूरों को दी जाने वाली राशि सुपरवाइजर अपने पास रखते है.
जिले के खुडानिया ग्राम पंचायत के मनरेगा कार्यो में गड़बड़ी, फर्जीवाड़े और मजदूरी में कटौती को लेकर गांव के लोगों ने प्रदर्शन किया. मनरेगा में काम करने वाली महिला मजदूरों ने बताया कि खुडानिया ग्राम के मनरेगा कार्यों के मस्टरोल में मेट और ग्राम सहायक की मिलीभगत से फर्जी मजदूरों के नाम लिखे जाते हैं. जिसके बाद कार्यरत मजदूरों की मजदूरी से कटौती की जाती है. दूसरी ओर घर बैठे मजदूरों को पैसे ज्यादा दिए जाते हैं.