झुंझुनू. समय और मानसिकता बदलने के बाद लोग भले ही बेटी की चाहत करते हैं. लेकिन, इसके बाद भी सामाजिक परिवेश में लोग बेटे की चाहत करते हैं. इस बीच झुंझुनू जिले में 51 ऐसी महिलाएं एकत्रित हुई जिनके एकमात्र बेटी है. इसमें यह भी नहीं कि बाद में संतान हुई नहीं, बल्कि उन्होंने एक बेटी के साथ ही अपना परिवार पूरा मान लिया.
बता दें कि कई महिलाओं को समाज और परिवार के ताने भी सहने पड़े. लेकिन, उसके बाद भी उन्होंने बेटी को ही अपना सब कुछ माना ऐसी महिलाएं आज भी गर्व से कहती हैं कि उस समय जो कार्य किया, उस पर आज गर्व हो रहा है. क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी को इतना शिक्षित किया है. यहां पर एक महिला तो ऐसी भी थी जिनके खुद के केवल एक ही बेटी थी और आज उनकी बेटी के भी इकलौती संतान बेटी ही है.