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कारगिल विजय दिवस पर आज बेसरड़ा के शहीद रामकरण सिंह को लोगों ने दी श्रद्धांजली - Martyre ramkaran singh belong to khetri jhunjhunu

कारगिल विजय दिवस पर आज झुझनूं जिले के बेसरड़ा के शहीद रामकरण सिंह को लोगों ने दी श्रद्धांजली. शहीद रामकरण की वीरांगना ने देश के लिए अपने बेटे को भी सेना में भेजा है.

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Published : Jul 26, 2023, 11:16 AM IST

Updated : Jul 26, 2023, 2:39 PM IST

शहीद रामकरण सिंह को लोगों ने दी श्रद्धांजली

खेतड़ी (झुंझुनूं).कारगिल विजय दिवस पर खेतडी के बेसरड़ा के लाडले सपूत शहीद रामकरणसिंह का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा हुआ है. उसकी शहादत को परिवार जन व ग्रामीण आज भी नहीं भुला पाए हैं. कारगिल में 2 महीने से अधिक चली लड़ाई में शहीद रामकरण ने अपने प्राणों की आहुति देते हुए विजय दिलवाई थी. 3 मई 1999 को शुरू हुए कारगिल युद्ध करीब 2 महीने तक चला जिसमें बेसरडा के रामकरण सिंह ने 4 जून 1999 को लड़ाई लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे. शहीद वीरांगना संतोष देवी कारगिल युद्ध की घटना को याद करती है तो विचलित हो जाती है. उनका कहना है वो दिन कैसे निकाले थे हम ही जानते हैं. जब शहीद की पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटी आई थी तो पूरा गांव रो रहा था. अब शहीद रामकरण सिंह के गांव की ढाणी को शहीद की ढाणी का ही नाम दे दिया गया है. इसके अलावे बेसरडा गांव की स्कूल का नाम भी शहीद रामकरण सिंह के नाम से कर दिया गया है.

शहीद रामकरण सिंह का जन्म 1 नवंबर 1961 को हुआ था. वे सेना में भर्ती 28 सितंबर 1979 को राजपूत रेजीमेंट हुए थे. 4 जून 1999 को कारगिल के युद्ध में शहीद हो गए. शहीद की वीरांगना संतोष देवी ने अपने दो बेटे व दो बेटियों को मेहनत से पाला है. अब एक लड़का राजकुमार सेना में है तो दूसरा बैंगलोर में कार्यरत है.

वीरांगना ने बेटे को भी भेजा सेना में : जब रामकरण वीरगति को प्राप्त हुए थे तब उनका छोटा बेटा सत्यवीर 5 साल का ही था. मां संतोष देवी का जुनून था कि मेरे बेटे को सेना में भेजूं. जब शहीद की पार्थिव देह गांव में पहुंची थी. तब ही मां ने प्रण कर लिया था कि बेटे को भी सेना में ही भेजूंगी. आज बड़ा बेटा सेना में ही है. शहीद रामकरण सिंह चार भाइयों में सबसे बड़ा था. मां चंपा देवी व पिता बनवारीलाल का रामकरण के शहीद होने के बाद निधन हुआ.

पढ़ेंKargil Vijay Diwas 2023 : 24वां कारगिल विजय दिवस आज, 52 जांबाज़ों की शहादत को राजस्थान कर रहा है याद

नेताओं के वादे खोखले साबित हुए:शहीद रामकरण सिंह की मूर्ति अनावरण पर सांसद नरेंद्र खीचड़ ने मूर्ति स्थल से लेकर घर तक सड़क बनाने की घोषणा की थी. लेकिन वह घोषणा अभी तक पूरी नहीं हुई. शहीद के भाई महेंद्र सिंह ने बताया सड़क बनाने की घोषणा अनावरण कार्यक्रम में हुई थी. लेकिन अभी भी रास्ता उबड़ खाबड़ ही पड़ा है. बरसात में तो रास्ते में पानी भर जाता है.

Last Updated : Jul 26, 2023, 2:39 PM IST

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