उदयपुरवाटी (झुंझुनू). जिले के उदयपुरवाटी के हुकमपुरा गांव के जांबाज नायब सूबेदार शमशेर अली भारत-चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के पाइनिज चेक पोस्ट पर पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए थे. इसकी सूचना के बाद गांव में सन्नाटा पसर गया. शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई.
वहीं, शहीद का शव हुकमपुरा गांव पहुंचने से पहले गुढ़ागौड़जी में युवाओं की ओर से तिरंगा रैली निकाली गई. साथ ही डीजे पर भारत माता के जयकारे लगाए गए. इसके बाद राजकीय सम्मान देते हुए पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित किए गए. वहीं, शहीद का शव उनके घर पहुंचने पर परिजनों ने नम आंखों से अंतिम दर्शन किए.
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इस दौरान जिला कलेक्टर उमरदीन खान, झुंझुनू एसपी जगदीश चंद्र शर्मा, जिला सैनिक कल्याण बोर्ड अधिकारी, झुंझुनू सांसद नरेंद्र खीचड़, उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, फतेहपुर विधायक हाकम अली, सीकर नगर परिषद सभापति जीवन खां, मुकुंदगढ़ कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश सुंड़ा, मीन सेना के राष्ट्रीय प्रमुख सुरेश मीणा किशोरपुरा, पूर्व पीसीसी महासचिव विजेंद्र सिंह इंद्रपुरा, उदयपुरवाटी के उपखंड अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत और तहसीलदार बंशीधर योगी सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. शहीद हुए शमशेर अली के गांव में हर घर के गेट पर तिरंगे का रंग नजर आया.
झुंझुनू में राजकीय सम्मान के साथ की गई शहीद शमशेर अली की अंत्येष्टि पढ़ें:SPECIAL: देश के 5 राज्यों में लहलहाएंगी भरतपुर की 'राधिका' व 'बृजराज'... सरसों अनुसंधान निदेशालय ने विकसित की सरसों की 5 नई किस्में
गौरतलब है कि झुंझुनू सैनिकों के जिले के नाम से भी जाना जाता है. ये वो जिला है, जहां वीरों को जन्म देकर देश की रक्षा के लिए सीमाओं पर भेजा जाता है. शेखावाटी के करीब एक लाख सैनिक देश की सीमाओं पर देश की रक्षा के लिए लगे हुए हैं. साथ ही बता दें कि शहीद शमशेर अली की 4 पीढ़ियां देश सेवा में लगी हुई हैं. शमशेर अली के पिता और दादा ने भी सेना में रहकर देश की रक्षा की है. शमशेर अली के दादा भारत-पाकिस्तान युद्ध में शामिल हुए थे.