झुंझुनू. जिले में जाटों के कई परिवारों का लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है और उनका इस क्षेत्र में दबदबा भी रहा है. ऐसे ही मंडावा विधानसभा की लड़ाई के दो राजनीतिक परिवारों से आपको रूबरू करवा रहे हैं.
मंडावा से चुनावी मैदान में सुशीला सीगड़ा और रीटा चौधरी कांग्रेसी प्रत्याशी रीटा चौधरी हेमसर गांव के पूर्व पीसीसी चीफ और पूर्व मंत्री स्व. रामनारायण चौधरी की बेटी है. चौधरी की जाति जाट गौत्र बुडानिया है. वहीं भाजपा की तरफ से सुशीला सीगड़ा को प्रत्याशी बनाया गया है. सुशीला पूर्व प्रधान स्व. बृजलाल सीगड़ा की पुत्रवधू है. वहीं सुशीला भी गांव खाजपुर का बास निवासी मनीराम बुडानिया (जाट) की बेटी है. मनीराम बुडानिया दो बार कृषि उपज मंडी समिति झुंझुनू के डायरेक्टर रहे हैं. वर्तमान में झुंझुनू लॉयंस क्लब के अध्यक्ष हैं.
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समानांतर राजनीतिक ताकत वाले हैं दोनों परिवार
- कांग्रेसी प्रत्याशी रीटा चौधरी 2008 में कांग्रेसी विधायक बनीं थी.
- रीटा के पिता स्वर्गीय रामनारायण चौधरी मंडावा से 1967 में पहली बार कांग्रेस से विधायक बनने के बाद 2008 तक के अलग-अलग कार्यकाल में 30 साल से अधिक समय विधायक और मंत्री रहे.
- सुशीला सीगड़ा के ससुर स्वर्गीय बृजलाल सीगड़ा 1964 से 1980 तक ग्राम पंचायत सरपंच रह चुके है.
- 1980 से 1988 तक झुंझुनू पंचायत समिति के प्रधान पद पर रहे हैं.
- 2000 से 2005 तक सुशीला सीगड़ा पहली बार पंचायत समिति की प्रधान बनीं. साथ ही देवरानी सविता सीगड़ा ग्राम पंचायत की सरपंच बनीं.
- सुशीला सीगड़ा 2010 से लगातार वर्तमान में झुंझुनू की प्रधान है.
- गत चार-पांच दशकों की राजनीति को देखा जाए तो अधिकांश काल में विधानसभा क्षेत्र सीट मंडावा पर रीटा चौधरी के परिवार का दबदबा रहा है.
- पंचायत समिति झुंझुनू ग्राम पंचायत सीगड़ा में सुशीला सीगड़ा के परिवार का दबदबा रहा है.
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अब देखने वाली बात यह होगी कि ये जो दोनों राजनीतिक परिवार है, उनका भविष्य क्या रहने वाला है.