झुंझुनू. कोरोना की वजह से हर तरफ सभी प्रकार के व्यवसाय या तो बंद हो चुके हैं या उनमें मंदी छा चुकी है. इसी श्रेणी में आज शराब विक्रेताओं में भी अपने व्यवसाय में आई मंदी को दूर करने के लिए अपनी आवाज प्रशासन तक पहुंचाने के लिए गुहार लगाई है.
उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न महामारी से बचाव के लिए सरकार ने शराब की दुकानों के संचालन के लिए भी अलग से गाइडलाइन जारी की है. जिसके अंतर्गत सभी आबकारी मद्संयम नीति वर्ष 2021 22 के अंदर आने वाले सभी शराब के ठेके दारू की सरकारी और गैर सरकारी दुकानों को खोलने का समय सुबह 6 बजे से 11 बजे तक का निर्धारित किया गया है. इसके विरोध में सभी लाइसेंसधारी शराब विक्रेताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. आबकारी विभाग राजस्थान के बंदोबस्त के खुदरा लाइसेंसधारियों शराब विक्रेताओं ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में निम्न प्रकार के निवेदन किए हैं.
- सरकार ने 2021 और 22 के लिए सभी शराब के विक्रेताओं दो श्रेणी में मंजूरी दी थी जिसने देसी शराब की दुकानें गारंटी राशि (एकांकी विशेषाधिकार) एवं भा.नि.वि.स. एवं बीयर की दुकान लाइसेंस फ्री प्रणाली पर दी गई थी. उस समय भी सभी लाइसेंसधारियों को 1 साल के लिए नवीनीकरण का आश्वासन दिया गया था लेकिन कोविड-19 के कारण ऐसा नहीं हुआ.
- 2020 और 21 के सभी लाइसेंस धारियों को कोरोना महामारी की वजह से भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है ऐसे में सरकार संपूर्ण लॉकडाउन की अवधि में एकांकी विशेष अधिकार राशि वाले शराब विक्रेताओं को सरकार छुट्ट प्रदान कर रही थी.
- इस छूट में आबकारी नीति 2020-21 की घोषणा के वक्त कोविड-19 की स्थिति सामान्य होने लगी जिसकी वजह से सभी शराब विक्रेता लाइसेंस धारियों ने ई ऑकशन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. राज्य सरकार को अधिक से अधिक राजस्व मिले यह सोचकर सहयोग किया था ऐसे में अगर कोविड-19 के कारण स्थिति बिगड़ती भी है तो भी सरकार द्वारा लॉकडाउन में भी गारंटी राशि वाली दुकानों के संचालन में छूट मिल मिल जाएगी तो व्यापार में दिक्कत नहीं होगी यह भी मांग शराब विक्रेताओं ने इस ज्ञापन में की है.