खेतड़ी/झुंझुनू.अदालत में कई मामले ऐसे आ जाते हैं जो चर्चा का विषय बन जाते हैं. ऐसे मामलों को निपटाने में जहां कोर्ट का समय तो जाया होता ही है. साथ ही परिवादियों को भी मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है. ऐसा ही एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया खेतड़ी में सजी एक लोक अदालत में.
जब 50 पैसे की रिकवरी का विवाद पहुंचा लोक अदालत... दरअसल, जितेंद्र का खेतड़ी एसबीआई बैंक में जनधन खाता है. जिसमें वर्तमान में 124 रुपये जमा भी हैं. लेकिन बीते गुरुवार बैंक कर्मियों ने जितेंद्र के घर पहुंचकर 50 पैसे बकाया निकालकर नोटिस थमा दिया. जिसमें लिखा था. शनिवार को लोक अदालत में पहुंचकर 50 पैसे जमा करवाएं अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ेंःस्पेशल: चूरू के बंशीधर पारीक का नायाब कलेक्शन
वहीं, रीड की हड्डी में दिक्कतों के बाद जितेन्द्र चलने फिरने में असमर्थ था ऐसे में उनके पिता विनोद सिंह डरे सहमे खेतड़ी में लगी लोक अदालत में पहुंचे. 50 पैसे के निपटारे का मामला देखकर आसपास के ग्रामीण और वकीलों की भीड़ भी लोक अदालत में जमा हो गई और ये चर्चा का विषय बन गया.
बैंक द्वारा भेजा गया नोटिस विषय तब और कोतुहल का हो गया जब शर्म के मारे बैंक अधिकारी बिना पैसे जमा किए ही मौके से कुर्सी छोड़ कर रफूचक्कर हो गए. पीड़ित जितेंद्र के पिता विनोद सिंह ने बताया कि वे सुबह से 50 पैसे जमा कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन बैंक के अधिकारी पैसे जमा करने से मना कर रहे हैं.
पढ़ेंःExclusive: 'सरकार' के 1 साल : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के कामों का लेखा-जोखा, बस एक नजर में
जितेंद्र के वकील विक्रम सिंह ने बताया कि मेरे क्लाइंट के पास 50 पैसे जमा करवाने का नोटिस एसबीआई बैंक अधिकारियों ने दिया था जब लोक अदालत में मेरा क्लाइंट 50 पैसे जमा करवा कर एनओसी लेने पहुंचा तो अधिकारियों ने पैसे जमा करने से मना कर दिया और मेरे क्लाइंट को एनओसी भी नहीं दी. अब बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और मानहानि का दावा पेश किया जाएगा.