झुंझुनू.इस कोरोना काल में हर धंधा मंदा है. इसका अब तक कोई छोर नहीं निकला है. लेकिन जब पहले माल की आपूर्ति नहीं होती थी तो खाली समय में अगर माल का स्टॉक कर लिया जाता तो आज खाली नहीं बैठना पड़ता. क्योंकि यह आपदा में एक प्रकार का अवसर भी है और एक प्रकार का अपने हुनर पर विश्वास भी है. जी हां, जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर कस्बा सुल्ताना में लोहे का काम मंदा चल रहा है. लेकिन लोहे के हैंडीक्राफ्ट के कार्य की हथौड़ी की ठुकठुक अब भी जारी है. इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का अपने हुनर पर इतना विश्वास है कि जब स्थितियां सामान्य होगी. तब इनके माल के ऑर्डर खुद आने लग जाएंगे. ऐसे में क्यों ना पहले ही माल तैयार कर रख लिया जाए.
सोशल मीडिया का भी ले रहे सहारा
अपने हुनर को तराशने के लिए ये सभी हुनरमंद अब तकनीकी का भी इस्तेमाल कर रहे हैं और इसलिए यूरोप में इसके कद्रदानों से सोशल मीडिया से फोटो का आदान-प्रदान कर काम तैयार कर रहे हैं. इसमें लोहे के झूमर से लेकर पूर्ण आकार स्टेनलेस स्टील कॉफी टेबल, लेटेस्ट डिजाइन की लोहे की चारपाइयां, बैठने के लिए लोहे के मुंडे आदि सभी तैयार हो रहे हैं. यहां बनी हैंडीक्राफ्ट की वस्तुएं बेहद कलात्मक और खूबसूरत होती हैं और इसलिए विदेशों में लोकप्रिय हैं. अमेरीका, जर्मनी, यूरोप, फ्रांस, आस्टेलिया, कनाडा, स्पेन आदि जगहों पर इनके अपने ग्राहक हैं, जो इनसे ही ये कलात्मक वस्तुएं खरीदते हैं.
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