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शहादत का अपमान: वादे कर भूल गए हुक्मरान, न दी नौकरी न बनी यादगार

अमर शहीदों की वीरगाथा देश के हर व्यक्ति की जुबान पर चिर स्थायी रहती है. लेकिन सरकार देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर ठंडे बस्ते में डालकर भूल जाती है. ऐसा ही कुछ झुंझुनू जिले के खेतड़ी का लाडले सेना के जवान टीबा के शहीद श्योराम गुर्जर के परिजनों के साथ भी हो रहा है.

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शहीद श्योराम गुर्जर की कल है पुण्यतिथि...

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Published : Feb 17, 2020, 10:30 PM IST

खेतड़ी (झुंझुनू).श्योराम गुर्जर 1 साल पहले 18 फरवरी को पुलवामा में दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. उस समय सरकार के हुक्मरानों ने शहीद के नाम से गांव में बड़ी-बड़ी घोषणाएं तो कर दी. लेकिन उनका लाभ अभी तक वीरांगना और उनके परिजनों को नहीं मिल पाया है. शहीद की पुण्यतिथि पर परिजनों का दर्द छलक उठा.

शहीद श्योराम गुर्जर के शहादत का अपमान...

वीरांगना सुनीता देवी ने बताया कि सरकार की तरफ से केंद्र और राज्य सरकार का पैकेज मिल चुका है. लेकिन शहीद के नाम से गांव की स्कूल का नाम शहीद स्मारक शहीद के घर तक सड़क आज तक नहीं बन पाई है. वहीं शहीद की मां शारदा देवी और वीरांगना की यात्रा करने के लिए यात्रा कार्ड भी नहीं बनवाया गया है. वीरांगना ने सैनिक कल्याण बोर्ड में अपने दस्तावेज जमा करवा रखे हैं, लेकिन अभी तक नौकरी की कोई सूचना घर तक नहीं पहुंची है.

कई वादे किए और भूल गए...

शहीद श्योराम की शहादत के दौरान सरकार के नुमाइंदों ने घर तक कुंभाराम नहर का पानी पहुंचाने का वादा किया था. लेकिन शहादत के एक साल बाद भी आज दिन तक शहीद का परिवार पीने के पानी की आस में बैठा हुआ है. यहां तक की शहीद के घर जल कनेक्शन तक भी नहीं है. पूरे टीबा गांव में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है, जबकि पूरे उपखंड में कुंभाराम नहर लिफ्ट योजना का पानी आ चुका है. लेकिन शहीद का पूरा गांव इस योजना के लाभ से वंचित है. पूरे गांव की महिलाओं के साथ वीरांगना को भी पानी की टंकी से पानी लेकर आना पड़ता है.

शहीद 'श्योराम' पुलवामा में थे तैनात...

टीबा के शहीद श्योराम गुर्जर 55 राष्ट्रीय राइफल में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे. वे 17 फरवरी की रात को पुलवामा हमले के गुनहगारों के साथ हुई मुठभेड़ में घायल होने के बावजूद भी एक आंतकी को ढेर कर 18 फरवरी 2019 की सुबह देश के लिए शहीद हो गए थे. उनकी बहादूरी पर सेना दिवस पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवने ने शहीद श्योराम को मरणोप्रांत सेना मेडल से नवाजा गया था. सेना प्रमुख नरवने ने शहीद वीरांगना सुनिता देवी को सेना मेडल प्रदान किया था.

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शहीद श्योराम गुर्जर की वीरांगना सुनिता देवी ने बताया कि वह बीए-बीएड तक पढ़ी हुई हैं, जिसको लेकर उसे शहादत के दौरान नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था. शहादत के करीब तीन-चार माह बाद जिला सैनिक कल्याण बोर्ड में नौकरी के लिए दस्तावेज लगाकर नौकरी के लिए आवेदन कर दिया था. लेकिन आज तक उसके लिए नौकरी का कोई भी बुलावा नहीं आया है.

किए गए वादों के मुताबिक इन समस्याओं से जूझ रहा शहीद का परिवार और गांव...

  • शहीद के घर तक अभी तक सड़क नहीं बनी
  • स्कूल का नाम शहीद के नाम से भी नहीं हुआ
  • शहीद स्मारक भी नहीं बना
  • वीरांगना और शहीद की माता का यात्रा पास भी नहीं बना

पुण्यतिथि पर होगें ये कार्यक्रम...

शहीद की शहादत के एक साल पूरा होने पर उनकी पुण्यतिथि मनाई जाएगी. शहीद का भाई हव रूपचंद ने बताया कि मंगलवार सुबह आठ बजे शहीद स्थल पर हवन और श्रद्धांजलि की जाएगी. गांव में तिरंगा मार्च निकालकर शहीद श्योराम गुर्जर खेल मैदान मे खेलकूद प्रतियोगिता, सिंघानिया यूनिवर्सिटी द्वारा निशुल्क आंखों का कैम्प और रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान नरदेव बेनीवाल एंड पार्टी की ओर से देश भक्ति प्रस्तुतियां दी जाएगी. कार्यक्रम में सांसद, विधायक, जिला कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ, पूर्व विधायक सहित उपखंड स्तर के अधिकारी मौजूद रहेंगे.

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