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चिटफंड कंपनी PACL में डूबे 80 हजार ग्राहकों के 70 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद...30 अप्रैल तक कर सकते हैं दावा

झुंझुनूं में करीब 80 हजार परिवारों के लिए राहत भरी खबर है. पीएसीएल में जमा कराएं पैसा निवेशकों को देने की प्रक्रिया प्रांरभ हो चुकी है. सरकार की ओर से केंद्रों की स्थापना की जा रही है जहां निवेशक अपने दावे पेश कर सकते हैं. ऐसे में 80 हजार ग्राहकों के 70 करोड़ मिलने की उम्मीद बंधी है.

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Published : Apr 6, 2019, 8:40 PM IST

PACL में डूबा पैसा मिलेगा वापस

झुंझुनूं. चिटफंड कंपनी पीएसीएल में अगर आपने भी पैसा जमा कराया था तो आपके लिए खुशखबरी है. पीएसीएल कंपनी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार की ओर से निशुल्क केंद्रों की स्थापना की जा रही है जिसमें निवेशक अपने दावे पेश कर अपने जमा कराए पैसे पा सकेंगे. दावा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल रखी गई है. जिले में यह प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है.

जिले के करीब 80 हजार परिवारों के लिए यह खबर राहत लेकर आई है. कुछ साल पहले इन परिवारों ने एक चिटफंड कंपनी पल्स एग्रो कॉरपोरेशन लिमिटेड कंपनी पीएसीएल में बड़ी रकम निवेश की थी. उस समय उन्हें कम निवेश पर अधिक फायदे का लालच दिया गया था, लेकिन इसके बाद यह कंपनी गायब हो गई और इन 80 हजार परिवारों का करीब 70 करोड़ रुपए डूब गए.

PACL में डूबा पैसा मिलेगा वापस

जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. जहां से सरकार को कंपनी से निवेशकों की राशि वापस दिलवाने के निर्देश दिए गए. मामले में सरकार ने अब तक ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत जिन लोगों की रकम डूबी है उन्हें 30 अप्रैल तक दावा करना होगा. पिछले साल भी सरकार ने ऐसी ही प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन तब केवल ढाई हजार रुपए तक के दावों को ही मांगा गया था और इस बार सभी निवेशकों की ओर से दावा किया सकेगा. उम्मीद है कि लंबे समय से चल रही इस प्रक्रिया के बाद अब संभवत निवेशकों को रकम मिल सकेगी.

क्या था मामला

पीएसीएल कंपनी का यह मामला प्रदेश में बेहद चर्चित रहा था, कंपनी ने कई जिलों में अपनी ब्रांच खोली और लोगों को कम समय में रकम को दुगना करने का सपना दिखाया था. जिसके बाद लोगों ने जिंदगी भर की कमाई इसमें लगा दी थी. जिसके बाद कंपनी अचानक से गायब हो गई. तब से ही निवेशक कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं.

ऐसे करना होगा आवेदन

सरकार ने इसके लिए जिला स्तर व पंचायत स्तर पर निशुल्क केंद्रों की व्यवस्था की है जहां जाकर निवेशक अपना ऑनलाइन दावा कर सकेंगे. इसके लिए एडीएम राजेंद्र अग्रवाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है. साथ ही सूचना विज्ञान अधिकारी ओम प्रकाश को तकनीकी अधिकारी बनाया गया है, जो फॉर्म भरने का प्रशिक्षण देंगे. रोजाना निगरानी के लिए जिला पंचायत स्तर से प्रतिदिन का अपडेट लिया जाएगा. जिसके लिए ऑनलाइन फॉर्म तैयार किया गया है. रोजाना आने वाले दावों व रकम का पूरा विवरण ऑनलाइन रहेगा, जिसे गृह विभाग के संबंधित अधिकारी भी देख सकेंगे.

नोडल अधिकारी राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने बताया की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. धीरे-धीरे निवेशकों की ऑनलाइन एप्लीकेशन भी ली जा रही है. सुप्रीम कोर्ट और सरकार की मंशा है कि डूबे हुए निवेशकों को जल्द से जल्द उनको उनका हक मिल सकें.

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