झुंझुनू. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने गुरुवार को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया गया कि गत खरीफ सीजन से ही लगातार किसान बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि, टिड्डी हमले और पाला गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं.
इस दौरान ब्याज मुक्त सहकारी ऋण में कटौती, कम विद्युत उपयोग को आधार मान कर गलत विजिलेंस कार्रवाई डेमो में पर्याप्त पानी होने के बावजूद सिंचाई हेतु नहीं देने, समर्थन मुद्रा पर खरीद औपचारिकता के साथ ही विद्युत विभाग की ओर से विद्युत बिलों में मिलने वाला 883 रुपए मासिक का अनुदान रोक कर और विद्युत बिलों में पेलेंटी शुरू कर दी. जिसने किसानों के लिए कोढ़ में खाज वाला काम कर रहा है.
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कोरोना महामारी से किसान परेशान...
इस बीच किसानों को कोरोना महामारी संकट से जल्द खराब होने वाली सब्जी, फल और फूलों की फसलों में बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा हैं. वहीं शेष कृषि जैसों के भाव में आई भारी गिरावट से किसानों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई. जिससे किसान कृषि विद्युत के बिल जमा करवाने में समर्थ नहीं है. ऐसे में प्रदेश के किसान अनुदान समायोजित हुए बिना पेलेंटी जोड़कर गलत जारी किए गए. जिससे कृषि विद्युत बिलों के बहिष्कार का निर्णय करने को किसान मजबूर हो गए हैं.