सूरजगढ़ (झुंझुनू).सीकर जिले के खाटू नगर में बने विश्व प्रसिद्ध खाटू श्याम जी मंदिर के शिखरबंद पर मात्र सूरजगढ़ कस्बे के श्याम मंदिरों के निशान चढ़ाए जाते हैं. यूं तो फाल्गुन महीने में बाबा के लक्खी मेले में देशभर के कोने-कोने से लाखों पदयात्री बाबा के निशान लेकर आते हैं, लेकिन बाबा के मंदिर के गुंबद पर मात्र सूरजगढ़ के श्याम मंदिरो के निशान ही चढ़ाए जाते है, जो साल भर तक बाबा के मंदिर पर लहराते हुए सूरजगढ़ निशान की शोभा बढ़ाते हैं.
खाटू श्याम जी मंदिर पर चढ़ने वाले निशान की हुई स्थापना यही कारण है, कि इस निशान की कस्बे ही नहीं बल्कि पूरे देश में विशेष मान्यता रहती है, जिस वजह से इस निशान पदयात्रा में देशभर के कोने-कोने से हजारों किलोमीटर दूर से आए श्रद्धालु भी इस पदयात्रा में भाग लेकर पुण्य का लाभ उठाते हैं.
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बता दें, कि सूरजगढ़ कस्बे के वार्ड नं. 18 के प्राचीन श्याम मंदिर और श्याम दरबार में सोमवार को श्याम निशानों की स्थापना हुई. प्राचीन श्याम मंदिर में आचार्य अभिषेक चौमाल के आचार्यत्व में विकास छापड़िया ने सहपत्नी निशान की पूजा-अर्चना कर उसकी स्थापना की.
प्राचीन श्याम मंदिर में एक मार्च तक सुबह-शाम निशानों की महाआरती होगी. उसके बाद दो मार्च को महंत मनोहरलाल, नत्थूराम, बजरंगलाल, पूर्णमल के सानिध्य में निशानधारी जयसिंह के नेतृत्व में हजारों पदयात्रियों का जत्था 2 मार्च को खाटू श्याम के लिए रवाना होगा.
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वहीं श्याम दरबार में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद निशान की स्थापना हुई. इस मंदिर में 29 फरवरी तक सुबह-शाम महाआरती की जाएगी, जिसके बाद महंत हजारीलाल, हरिराम, ओमप्रकाश, जुगलकिशोर, कुरड़ाराम के सानिध्य में एक मार्च को विशाल पदयात्रा खाटू श्याम मंदिर के लिए रवाना होगी. दोनों ही मंदिरों के निशान द्वादशी को बाबा के चरणों में अर्पित कर शिखरबंद पर चढ़ाए जाएंगे.